Statue of mata Annapurna

Joharcg.com 108 साल के लंबे इंतजार के बाद सोमवार सुबह मां अन्नपूर्णा की दुर्लभ प्रतिमा श्रीकाशी विश्वनाथ धाम पहुंच गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच प्रतिमा यात्रा की अगवानी की। सुबह से ही मंदिर परिसर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए आयोजन शुरू हो गया था। मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा ज्ञानवापी द्वार से बाबा विश्वनाथ की रजत पालकी में विराजमान होकर काशी विश्वनाथ धाम में प्रवेश की। इससे पहले दिल्ली से आई माता की प्रतिमा का सोमवार को नगर भ्रमण के दौरान जगह-जगह स्वागत किया। जगह-जगह पुष्प वर्षा, डमरू दल, घंटा घड़ियाल बजाकर माता की रास्ते भर आरती उतारी गई। मां अन्नपूर्णा की पुनर्स्थापना यात्रा सोमवार सुबह वाराणसी पहुंची। काशी विश्वनाथ मंदिर में ईशान कोण पर अन्नपूर्णा माता की ये मूर्ति स्थापित की जानी है। इसके लिए काशी विश्वनाथ धाम को भव्य रूप से सजाया गया है। दिल्ली से 11 नवंबर को रवाना होने के बाद काशी पहुंचने के दौरान मां की प्रतिमा अलीगढ़, लखनऊ, अयोध्या, जौनपुर समेत यूपी के 18 जिलों से गुजरी।

काशी में मां को कराया गया नगर भ्रमण

हर जिले में मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा का भव्य स्वागत किया गया। आज सुबह वाराणसी में दुर्गाकुंड मंदिर से माता की प्रतिमा की शोभायात्रा निकली और गुरुधाम चौराहा, विजया मॉल, ब्राडवे होटल, मदनपुरा, गोदौलिया होते हुए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के गेट नंबर चार पर पहुंची। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ माता की आरती उतारकर उनकी अगवानी की।

108 साल बाद महादेव की नगरी काशी में मां अन्नपूर्णा की प्राचीन मूर्ति की वापसी पर पुष्पवर्षा से स्वागत वंदन एवं आरती चेतमणि गुरुधाम चौराहे पर अग्रवाल महासभा चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष संतोष कुमार अग्रवाल ने परिवार के साथ किया। माता को चांदी का मुकुट, सोने की हार एवं कंगन अर्पित कर श्रृंगार एवं पूजन किया। सोमवार को देवोत्थान एकादशी को माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति को फूल मालाओं से सजाकर प्रातः दुर्गामंदिर से शोभायात्रा हरहर महादेव के उद्दघोष के साथ प्रारम्भ हुई। 18वीं शताब्दी की भव्य मूर्ति के एक हाथ में खीर की कटोरी एवं दूसरे हाथ में चम्मच देख कर लग रहा था कि मां अपने भक्तों को प्रसाद बांटते हुए अपने देवस्थान पर जाने हेतु चलायमान हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के हाथों बाबा विश्वनाथ धाम के नये देवोस्थान में प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा किये जाने पर अत्यंत हर्ष व्याप्त है।