CM Suchitan Abhiyan a huge success, two villages of Durg district passed and butterflies became malnutrition free
कोरोना काल की दिक्कतों के बावजूद अभियान के लिए संकल्पबद्ध कार्यकर्ताओं ने मेहनत से पाई बड़ी सफलता

रायपुर – दुर्ग जिले में पाटन ब्लाक के दो गाँव गुजरा और बटरेल पूरी तरह से कुपोषण मुक्त हो चुके हैं। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अंतर्गत यह बड़ी सफलता मिली है। कोरोना काल में दिक्कतों के बावजूद महिला एवं बाल विकास विभाग के संकल्पबद्ध कार्यकर्ताओं ने यह लक्ष्य प्राप्त किया है। यह बेहद मुश्किल लक्ष्य है क्योंकि स्वास्थ्यगत परिस्थिति के चलते कोई न कोई बच्चा कुपोषण के दायरे में आ ही जाता है ऐसे में संपूर्ण सुपोषण के लक्ष्य को प्राप्त करना बड़ी सफलता है।

मुख्यमंत्री सुपोषण मिशन के अंतर्गत गुजरा ग्राम पंचायत के 6 आंगनबाड़ी केंद्रों के 150 बच्चों में 16 बच्चे कुपोषित चिन्हांकित किये गए थे। मिशन के अंतर्गत लगातार इन बच्चों की बेहतर फीडिंग की गई और नतीजा सामने आया है। पिछले हफ्ते मटिया ग्राम की एकमात्र कुपोषित बच्ची क्षमा भी कुपोषण के दायरे से बाहर आ गई। गुजरा गांव दो महीने पहले ही कुपोषण के दायरे से बाहर आ गया था। इसी प्रकार बटरेल में अक्टूबर 2019 में 177 बच्चों में से 5 कुपोषित थे। अभी यहाँ 230 बच्चे हैं और एक भी कुपोषित नहीं है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री विपिन जैन ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री सुपोषण  मिशन के अंतर्गत कुपोषित बच्चों को कुपोषण के दायरे से बाहर निकालने का कार्य निरंतर जारी है। इसे ट्रैक करने के लिए सुपोषण साफ्टवेयर भी दुर्ग जिले में बनाया गया है। प्रथम फेस के लिए 11 हजार कुपोषित बच्चे चयनित किए गए थे। इसमें से लगभग 3600 कुपोषण की श्रेणी से बाहर आ गए थे। दूसरे चरण के बाद लगभग छह हजार बच्चे कुपोषण के दायरे में हैं जिन्हें सुपोषित करने निरंतर कार्य किया जा  रहा है।

इस तरह कदम दर कदम पहुँचे मंजिल पर– कुपोषण मुक्ति का लक्ष्य लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर गृह भेंट के लिए पहुँचे। कार्यकर्ता श्रीमती लता नायर ने बताया कि हमने गृह भेंट के दौरान लोगों को बताया कि बच्चों को कुपोषण से बचाने बीच-बीच में खिलाना बेहद आवश्यक है। नारियल तेल के साथ रोटी देने की सलाह दी गई। पहले बच्चों के आहार में केवल चावल शामिल था, हमने रोटी की भी आदत की। खाने में मुनगा और भाजियों का समावेश किया। हमने अपनी आंगनबाड़ी में मुनगा भी रोपा।

महिला पुलिस वालंटियर की ली मदद- लोगों को कुपोषण मुक्ति के लिए प्रेरित करने अभिनव पहल महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा की गई। पाटन ब्लाक के परियोजना अधिकारी श्री सुमीत गंडेचा ने बताया कि महिला पुलिस वालंटियर की सहायता भी ली गई। वालंटियर शाम के भोजन के समय बच्चों के परिजनों से मिलने रोज पहुँचे। इससे नियमित रूप से बच्चों का आहार रूटीन में आ गया।

गृह भेंट की फोटो व्हाटसएप ग्रुप पर– कार्यकर्ताओं के हर दिन गृह भेंट का शेड्îूल तय किया गया। इसके फोटोग्राफ कार्यकर्ताओं को सुपरवाइजर को देने थे और इस तरह से जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा सभी कार्यकर्ताओं की मानिटरिंग की गई। कार्यकर्ताओं ने इसमें फीडबैक भी शेयर किये और व्हाटसएप ग्रुप्स के माध्यम से उन्हें सलाह दी गई। गुजरा केंद्र की सुपरवाइजर श्रीमती समता सिंह ने बताया कि हर दिन यह फोटो उच्चाधिकारियों को शेयर किये जाते हैं।

सरपंच एवं जनप्रतिनिधियों ने भी लगाया जोर- ग्राम पंचायत गुजरा में सरपंच एवं अन्य जनप्रतिनिधियों तथा ग्रामीणों ने भी मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को सफल करने पर पूरा जोर लगाया। ग्राम गुजरा में यह लक्ष्य पूरा प्राप्त कर लिया गया था। मटिया में केवल क्षमा इस दायरे से बाहर थी। क्षमा को भी सुपोषित करने पूरा जोर लगाया गया। अब क्षमा भी कुपोषण के दायरे से बाहर है।