रायपुर – अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (AIKSCC) के देशव्यापी किसान आंदोलन के आह्वान को यहां छत्तीसगढ़ में दूसरे दिन भी विस्तार दिया गया और बस्तर, धमतरी, बिलासपुर, कोरबा, सरगुजा, बलरामपुर, रायपुर, महासमुंद सहित कई जिलों के अनेक गांवों में आज भी प्रदर्शन आयोजित किये गए और केंद्र और राज्य सरकार से किसान विरोधी, गांव विरोधी नीतियों को वापस लेने, गरीबों को खाद्यान्न और नगद राशि से मदद करने के साथ ही प्रवासी मजदूरों के साथ राहत कैम्पों और क्वारंटाइन सेंटरों में मानवीय व्यवहार किये जाने, उनकी भोजन व पोषण आवश्यकताओं को पूरा किये जाने और सभी लोगों का कोरोना टेस्ट किये जाने की मांग जोर-शोर से उठाई गई।


छत्तीसगढ़ किसान सभा (CGKS) के राज्य अध्यक्ष संजय पराते और किसान संगठनों के साझे मोर्चे से जुड़े विजय भाई ने बताया कि इन दोनो दिनों में 20 जिलों के सैकड़ों गांवों में कोविद-19 प्रोटोकॉल के फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए घरों से, खेतों में, मनरेगा स्थलों पर और गांव की गलियों में हजारों स्थानों पर ये विरोध प्रदर्शन आयोजित किये गए। आज दूसरे दिन भी छत्तीसगढ़ किसान सभा, आदिवासी एकता महासभा, हसदेव बचाओ अरण्य संघर्ष समिति, क्रांतिकारी किसान सभा, छग मजदूर-किसान महासंघ, वनाधिकार संघर्ष समिति द्वारा विरोध प्रदर्शन आयोजित किये गए। सीटू और छमुमो (मजदूर कार्यकर्ता समिति) से जुड़े ट्रेड यूनियन कार्यकर्ताओं ने भी इस आंदोलन के समर्थन में एकजुटता कार्यवाही की है।

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