Use of Rangoli, Mehndi and wall paintings to teach children

रायपुर – छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कोरोना संक्रमण काल में बाधित हो रही पढ़ाई को सुचारू रूप से चलाने के लिए पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। गांव में स्मार्ट फोन व नेटवर्क की समस्या के कारण वर्चुअल क्लास से कई बच्चे लाभान्वित होने से वंचित रह गये। ऐसे बच्चों की सतत शिक्षा के उद्देश्य से लाउड स्पीकर क्लास, मोहल्ला क्लास, बुल्टू के बोल जैसे अनेक नवाचार शिक्षकों ने किए। शिक्षकों द्वारा प्रेरित होकर शिक्षामित्रों ने मोहल्ला क्लास में बढ़-चढ़कर सहयोग भी किया। जिसके परिणामस्वरूप नेटवर्क विहीन दूरस्थ अंचल क्षेत्रों में भी पढ़ई तुंहर दुआर के अंतर्गत पारा मोहल्ला कक्षाएॅ अब सफलतापूर्वक संचालित हो रही हैं। 

ऐसी ही कहानी है प्रदेश के राजनांदगांव जिले के खैरागढ़ विकासखंड अंतर्गत संचालित पारा मोहल्ला क्लास ग्राम कोहकाबोड़ की। यहॉ शिक्षा के प्रति समर्पित शिक्षक श्री भगवती प्रसाद सिन्हा ने यह निश्चय किया कि स्वयं ही मोहल्ला क्लास में नियमित रूप से अपनी सेवाएं देंगे। शिक्षक ने अपने निश्चय पर अटल व अडिग रहते हुए पिछले दो माह से ग्राम कोहकाबोड़ में नियमित रूप से अध्यापन का कार्य जारी रखा है। यहॉ मोहल्ला क्लास में इनके द्वारा पढ़ाए जा रहे कक्षा चौथी पांचवी के गणित विषय का आधा कोर्स पूर्णता की ओर है, वहीं कक्षा पहली के बच्चे भी अब वर्णमाला के अक्षरों को पहचानने, लिखने लगे हैं। शिक्षक द्वारा कक्षा पहली के बच्चों को वर्णमाला लिखना सिखाने के लिए वर्क बुक का प्रयोग किया जा रहा है जिससे बच्चों को काफी फायदा हुआ है, क्योंकि कोरोना प्रोटोकाल अंतर्गत हाथ पकड़कर बच्चों को लिखना सिखाना उचित नहीं है। वर्क बुक में ही अभ्यास करके सीखने के लिए बच्चों को प्रेरित किया गया है। छोटे-छोटे बच्चों को वर्ण की पहचान के लिए रंगोली, हाथों में मेंहदी आदि विभिन्न नवाचारी गतिविधियां कराई जा रही हैं।

वर्तमान समय में मोहल्ला क्लास ग्राम कोहकाबोड़ के ही एक समाजसेवी श्री जितेंद्र कुमार साहू के घर एक बड़े बरामदा में संचालित है, जिन्होंने अपने ग्राम के बच्चों की शिक्षा के लिए जागरूकता प्रदर्शित करते हुए स्वेच्छा से मोहल्ला क्लास आयोजित करने हेतु अपने घर में स्थान उपलब्ध करवाया। इसके अलावा मोहल्ला कक्षा में आने वाले बच्चों के लिए इन्होंने हैंडवाश के लिए साबुन, पीने का पानी, कूलर आदि विविध व्यवस्थाएॅ की। अब रोज सवा दस बजे से 12 बजे तक यहॉ पारा मोहल्ला कक्षा नियमित रूप से संचालित होती है। उल्लेखनीय है कि कोहकाबोड़ में संचालित इस मोहल्ला क्लास में शिक्षक सामाजिक दूरी का पालन करते हुए अध्यापन करा रहे है। शिक्षक द्वारा कक्षा कार्य व गृह कार्य की जांच दूर से की जाती है। यहां शिक्षकों द्वारा निर्बाध एवं निरंतर अध्यापन से बच्चों का पाठ्यक्रम भी आगामी दिसम्बर तक पूर्ण होने की संभावना है। इस मोहल्ला क्लास में महापुरुषों की जीवनी के साथ-साथ अन्य शैक्षिक गतिविधियों को भी बच्चों के बीच उत्साह के साथ कराया जा रहा है। शिक्षक श्री भगवती प्रसाद सिन्हा ने मोहल्ला क्लास की दीवार चित्रों के रूप में सहायक शिक्षण सामग्री लगाकर रखी है जो बच्चों को आकर्षित करती है, साथ ही साथ उनका ज्ञानवर्धन भी करती है।