Joharcg.com राज्य सरकार के निर्देशानुसार तापीय विद्युत गृहों के कोयला संकट की समस्या के निराकरण के लिए राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के चेयरमैन आर के शर्मा ने रायपुर पहुंच कर छत्तीसगढ़ शासन के वन विभाग एवं पर्यावरण विभाग के अधिकारियों से मुलाकात की तथा विद्युत गृहों के लिए संभावित गहराते कोयला संकट को लेकर चिंता जाहिर करते हुए छत्तीसगढ़ के अधिकारियों से राजस्थान राज्य विद्युत को आवंटित परसा कोयला ब्लॉक की सभी स्वीकृतिया अविलंब दिलाने की मांग की। राजस्थान के ताप विद्युत् परियोजनाओं को परसा कोल ब्लॉक की स्वीकृति में देरी से होने वाली संभावित विकट परिस्थितिओं से अवगत कराया।

उल्लेखनीय है कि राज्य विद्युत उत्पादन निगम को परसा ईस्ट एवं केते बासेन, परसा तथा केते एक्सटेंशन कोल ब्लॉक छत्तीसगढ़ में आवंटित किये गए है । इनमे से परसा ईस्ट केते बासेन परियोजना वर्तमान में चालू परियोजना है तथा राजस्थान की ताप विद्युत परियोजनाओं के लिए कोयला आपूर्ति इसी खदान पे निर्भर है। वर्तमान में परसा ईस्ट एवं केते बासेन परियोजना से राजस्थान के करीब 4320 मेगावाट परियोजना के संयत्रो को कोयला आपूर्ति की जा रही है । परसा ईस्ट एवं केते बासेन परियोजना का प्रथम चरण में कुछ ही दिनों का खनन योग्य कोयला शेष रह गया है। तत्पश्चात द्वितीय चरण से राजस्थान की तापीय परियोजनाओं को कोयले की आपूर्ति की जा सकती है। परसा कोल ब्लॉक को केंद्र सरकार से सभी आवश्यक स्वीकृति प्राप्त हो चुकी हैं तथा केवल छत्तीसगढ़ से अंतिम स्वीकृति प्रदान की जानी शेष है। प्रदेश की ताप विद्युत् परियोजनाओं को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए यह आवश्यक है की परसा ईस्ट केते बासेन परियोजना के साथ साथ परसा कोयला परियोजना से खनन शीघ्र प्रारम्भ कर कोयले की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। राज्य सरकार के निर्देशानुसार राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के सीएमडी का छत्तीसगढ़ दौरा राजस्थान में पर्याप्त विद्युत उपलब्धता के लिए तथा राज्य के तापीय विद्युत गृहों को सुचारू रूप से चलाने के लिए काफी अहम है।