रायपुर – राज्य शासन की महत्वाकांक्षी सुराजी योजना नरवा, गरवा घुरवा और बाड़ी योजना से गांवों की तस्वीर बदलने लगी है। गोघन न्याय योजना  का इससे जुड़ने से ग्रामीणों की आय में वृद्धि होने के साथ ही वर्मी खाद के लिए गोबर आसानी से उपलब्ध हो पा रहा है। इससे स्वसहायता समूहों की महिलाएं वर्मी खाद का निर्माण व विक्रय कर लाभ कमा रही है। जिला बिलासपुर के विकासखंड बिल्हा के ग्राम धौरामुड़ा के आश्रित गांव बरपाली की लक्ष्मी स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने वर्मी खाद का निर्माण कर 15 हजार से अधिक की आमदनी प्राप्त की है।
    लक्ष्मी स्व-सहायता समूह में 10 सदस्य हैं और उन्हें वर्मीकम्पोस्ट खाद बनाने के लिए चार चरण में कृषि विभाग द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण प्राप्त कर समूह की महिलाओं ने वर्मीकम्पोस्ट खाद बनाने का काम शुरू कर दिया है। अब तक इन महिलाओं के द्वारा 18 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण किया जा चुका है। इनमें से 16 क्विंटल खाद की बिक्री से उन्हें लगभग 15 हजार से अधिक की आमदनी हुई है। समूह की महिलाओं ने इसके लिए शासन को धन्यवाद दिया है।

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