अंबिकापुर । छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले मेंउदयपुर के एक तालाब में औसत वजन से अधिक करीब 30 किलो वजनी मछली जाल में फंसी तो हड़कंप मच गया। बड़ी संख्या में ग्रामीण इस मछली को देखने एकत्र हो गए। इससे तालाब में भीड़ लग गई। कौतुहलवश भीड़ जमा हो जाने से इस बड़ी मछली को वापस तालाब में छोड़ दिया गया। सामान्यत: तालाब में एक से 10-12 किलो तक वजनी मछली ही पकड़ में आती है। अपेक्षा से बहुत बड़ी मछली के जाल में फंस जाने से ग्रामीण मछुआरे डर गए और इसे वापस तालाब में ही छोड़ना उचित समझा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार यह मछली पकड़े जाने के बाद डरावनी आवाज भी निकाल रही थी। इससे ग्रामीण तालाब में मत्स्याखेट कर रहे ग्रामीण भयभीत हो गए और तालाब की पानी में ही छोड़कर राहत की सांस ली। 


सरगुजा जिले के उदयपुर मुख्यालय अंतर्गत ग्राम पंचायत मानपुर में ग्रामीण मत्स्याखेट कर रहे थे। इसी दौरान एक ऐसी मछली भी जाल में आ फंसी, जो काफी बड़ी थी। अमूमन सरगुजा के बांध व तालाबों में इतनी बड़ी मछली नहीं मिलती है। इसका वजन करीब 30 किलो आंकी गई है। ग्रामीणों के जाल में फंसी इस बड़ी मछली को देखने भीड़ लग गई। ग्रामीणों में कौतूहल था।

बाद में मछली को तालाब में ही छोड़ दिया गया है। ग्रामीणों के मुताबिक क्षेत्र के तालाबों में अधिकतम 5 किलो से लेकर 15 किलो तक ही मछली मिलती है। यह पहली बार है जब करीब 30 किलो वजनी मछली जाल में फंसी। इसका मिलना आश्चर्यजनक है। पानी से बाहर आने पर वह बहुत तेज और डरावनी आवाज भी निकाल रही थी।उधर, इन दिनों ग्रामीण इलाके में मत्स्याखेट बड़े पैमाने पर हो रहा है। जहां कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर लोग गंभीर भी नजर नहीं आ रहे। फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं हो रहा है। इस तालाब में भी जिस तरह भीड़ उमड़ी थी किसी को शारीरिक दूरी बनाने को लेकर चिंता नहीं थी। अफरातफरी मचते देखकर मछुआरों ने बिना विलंब किए मछली को वापस तालाब में छोड़कर राहत की सांस ली। 

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