Bahoran Singh is doing farming by making Dabri in the land with forest rights lease

रायपुर – सोने पे सुहागा वाली कहावत बहोरन सिंह पर लागू हो गया। वन अधिकार पट्टा मिलने की खुशी तब दोगुनी हो गई जब उस भूमि पर डबरी बनकर सिंचाई होने लगी और धान उत्पादन के बाद साग-सब्जी एवं दलहन-तिलहन की फसल लेने लगे। 

गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के मरवाही विकासखण्ड के ग्राम करगीकला निवासी बहोरन सिंह को व्यक्तिगत वन अधिकार पट्टा प्राप्त हुआ था। बहोरन सिंह सिंचाई सुविधा नहीं होने के कारण उस भूमि का उपयोग नहीं कर पा रहे थे। ग्राम के सरपंच, सचिव एवं रोजगार सहायक के माध्यम से मनरेगा के अंतर्गत कराए जाने वाले कार्यों की जानकारी होने पर बहोरन सिंह ने असिंचित भूमि में डबरी निर्माण के लिए आवेदन किया और उन्हें वर्ष 2019-20 में डबरी निर्माण के लिए एक लाख 34 हजार रूपए की स्वीकृति मिली। डबरी निर्माण में बहोरन सिंह के परिवार और ग्रामवासियों को 678 दिवस का रोजगार भी प्राप्त हुआ। सिंचाई व्यवस्था होने से बहोरन सिंह ने लगभग 0.60 एकड़ भूमि में धान की खेती कर के बहुत खुश है। वे धान उत्पादन के बाद साग-सब्जी एवं दलहन-तिलहन की फसल लेना भी शुरू कर दिए हैं।