बालोद। छत्तीसगढ़ के बालोद जिलान्तर्गत डौंडीलोहारा ब्लॉक के लोहारटोला के जंगल में दो ग्रामीणों ने राष्ट्रीय पक्षी मोर का बंदूक से शिकार कर दिया।  जिसके बाद सूचना मिलने पर वन विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मोर, बंदूक, उपयोग की गई मोटरसाइकिल सहित दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। 


वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम लोहारटोला के दो लोगों पर राष्ट्रीय पक्षी मोर का बंदूक से शिकार करने के आरोप में दोनों आरोपियों को 14 दिन की ज्यूडिशियल रिमांड पर बालोद जेल भेजा गया है ,जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। 


इधर मृत मादा मोर का जिले के उच्चाधिकारी की मौजूदगी में नर्सरी में विधिवत दाह संस्कार भी किया गया।  लेकिन इस मामले ने बालोद वन विभाग की नींद उड़ाकर रख दी है क्योंकि इस घटना से साफ पता चल रहा है कि जिले में शिकारी सक्रिय है और आगे भी इस तरह की घटना को अंजाम दे सकते हैं। 


मोर को राष्ट्रीय पक्षी होने के साथ ही ‘संरक्षित प्रजातियों’ में भी शामिल किया जा चुका है।  देश में विलुप्त होने के कगार पर आ चुके मोर की संख्या कितनी है, इसका कोई आंकड़ा अब तक उपलब्ध नहीं है।  भारत सरकार ने 26 जनवरी, 1963 को मोर को राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया था।  इसके बाद केंद्र सरकार ने वन्यजीव संरक्षण कानून में संशोधन कर मोर का शिकार करने पर पाबंदी तो लगा दी, लेकिन मोरों के संरक्षण को लेकर कोई ठोस कदम अब तक नहीं उठाये जा सके हैं। 
वहीं सीमित कर्मचारियों के भरोसे चलनेवाला वन विभाग भी देश में मोर के सही आंकड़े उपलब्ध करा पाने में अक्षम है।  एक अनुमान है कि देश में इनकी संख्या एक लाख से अधिक है। 

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