लॅाकडाउन के दौरान महिला स्व-सहायता समूहों के द्वारा विभिन्न रोजगार परक कार्य करके रोजगार का सृृजन किया जा रहा है। बेमेतरा जिले की स्वसहायता समूह की महिलाएं इस कोरोना संकट काल में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क बना रहीं है। यह मास्क कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। महिलाओं ने बड़ी मात्रा में माॅस्क बनाए है। जिसे वे लोगों को विक्रय कर रोजगार सृजन कर रहीं है। उल्लेखनीय है कि बेमेतरा जिले की 1283 महिला सदस्यों के 138 महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा अब तक 2 लाख 40 हजार 223 मास्क का विक्रय किया गया है। जिससे राशि 28 लाख 96 हजार 936 रू. की आय महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा अर्जित की गई है। 

बेमेतरा जिले की महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा 2160 मास्क का निःशुल्क वितरण ग्राम पंचायत स्तर पर किया गया है। महिला स्व-सहायता समूह द्वारा निर्मित लगभग 1 लाख 50 हजार रू. के साबुन एवं फिनाइल का विक्रय जिले के शासकीय कार्यालयों में किया गया है। महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा रंगोली, दिवाल लेखन आदि के माध्यम से कोरोना वायरस से बचाव हेतु लोगों को जागरूक किया जा रहा है। कलेक्टर श्री शिव अनंत तायल ने जिले के सभी विभाग प्रमुखों को पत्र जारी कर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के अंतर्गत महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पाद किये जा रहे सामग्री का उपयोग करने के निर्देश दिए है। 

वर्तमान समय में मास्क की अनिवार्यता एवं आवश्यकता को ध्यान में रखकर जिला प्रशासन द्वारा महिला स्व-सहायता समूहों को मास्क का निर्माण करने हेतु निर्देशित किया गया है, जिससे लाॅकडाउन के दौरान सामाजिक दूरी का पालन करते हुये घर पर ही रोजगार उपलब्ध कराया जा सके। महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित मास्क का उचित मूल्य दिलाने हेतु 12-15 रू. प्रति मास्क दर निर्धारित किया गया है। जिले के सभी शासकीय कार्यालयों को महिला स्व-सहायता समूह द्वारा निर्मित मास्क एवं अन्य उत्पादों की खरीदी हेतु निर्देशित किया गया है। बेमेतरा जिले के छात्र जो कोटा राजस्थान में अध्ययनरत थे उन्हें राज्य शासन के सहयोग से जिले में वापस लाया गया है और इन छात्रों को क्वारंटाइन में रखा गया है। इन छात्राओं को क्वारंटाइन अवधि में महिला स्व सहायता समूह द्वारा बनाए गए मास्क का उपयोग किया जा रहा है। जिला पंचायत बेमेतरा की मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित मास्क का विक्रय अधिक से अधिक सुनिश्चित करने एवं लाॅकडाउन के दौरान महिलाओं के उत्पादों की विक्रय के लिये बाजार उपलब्ध कराने हेतु सभी ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, जिला पंचायत, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय एवं अन्य कार्यालयों में मास्क का विक्रय किया गया। मास्क निर्माण कार्य में अधिक से अधिक महिलाओं की सहभागिता सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया जिससे ज्यादा संख्या में लाकडाउन के दौरान महिलाओं को रोजगार उपलब्ध हो और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो।