Chhattisgarh State Biodiversity Board will be responsible for the conservation of migratory birds – CM Baghel
गिधवा-परसदा क्षेत्र में पक्षी जागरुकता एवं प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना की घोषणा
हमर चिरई-हमर चिन्हारी पक्षी महोत्सव में शामिल हुए मुख्यमंत्री

रायपुर – मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज बेमेतरा जिले के गिधवा-परसदा पक्षी महोत्सव के समापन कार्यक्रम में शामिल हुए। वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा हमर चिरई-हमर चिन्हारी के अंतर्गत तीन दिवसीय पक्षी महोत्सव का आयोजन किया गया था। ग्राम नगधा में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने 158 करोड़ रूपए की लागत वाले विकास एवं निर्माण कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शासन की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत लाभान्वित हितग्राहियों को सामग्री एवं अनुदान सहायता राशि का चेक वितरित करते हुए उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर गिधवा एवं परसदा ग्रामों के आस-पास आने वाले प्रवासी पक्षियों के संरक्षण शासन की छत्तीसगढ़ राज्य जैवविविधता बोर्ड होगी और यहां पक्षी जागरुकता एवं प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किए जाने की घोषणा की। पक्षी जागरुकता एवं प्रशिक्षण केन्द्र के माध्यम से प्रवासी एवं स्थानीय पक्षियों की जैवविविधता संबंधी जानकारी एवं प्रशिक्षण जन सामान्य को दी जायेगी। दूसरी घोषणा राज्य के समस्त ऐसे वेटलैण्ड, जिसमे प्रवासी पक्षी आते हैं एवं जैवविविधता के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, उनके संरक्षण एवं प्रबंधन की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ राज्य जैवविविधता बोर्ड के जिम्मे होगी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता वन एवं परिवहन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने की। विशिष्ट अतिथि के रुप में संसदीय सचिव श्री गुरुदयाल बंजारे, विधायक बेमेतरा श्री आशीष छाबड़ा उपस्थित थे। इस मौके पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री राकेश चतुर्वेदी, पीसीसीएफ श्री पी.वी. नरसिंह राव, राज्य जैवविविधता बोर्ड के सदस्य सचिव श्री अरुण पाण्डेय, पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग श्री विवेकानंद सिन्हा, कलेक्टर बेमेतरा श्री शिव अनन्त तायल, मुख्य वन संरक्षक दुर्ग वृत्त सुश्री शालिनी रैना, डी एफ ओ श्री धम्मशील गनवीर, एस पी श्री दिव्यांग कुमार पटेल सहित जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे।

Chhattisgarh State Biodiversity Board will be responsible for the conservation of migratory birds – CM Baghel

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि गिधवा-परसदा के तालाब में सात समुन्दर एवं हिमालय पार कर 150 प्रजातियों के पक्षी आते हैं। उन्होंने हमर चिरई-हमर चिन्हारी के अन्तर्गत पक्षी महोत्सव के आयोजन के लिए वन विभाग सहित जिला प्रशासन एवं ग्रामीणों को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महोत्सव के आयोजन से यहां देश भर से पर्यटक आयेंगे। इससे रोजगार के अवसर सृजित होंगे। गिधवा-परसदा को देश-दुनिया में ख्याति मिलेगी। मुख्यमंत्री ने तीनों गांवों के युवाओं एवं सरपंचों की सराहना करते हुए कहा कि वे पक्षियों के सुरक्षा के प्रति विशेष ध्यान दे रहे हैं। वसुधैव कुटुम्बकम यानि पूरी धरती (दुनिया) ही परिवार है, की भावना को लेकर पक्षी एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर उड़ान भरते हैं। पक्षियों मे वसुधैव कुटुम्बकम और एकता की भावना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम और एकता की भावना से ओतप्रोत चिरई (पक्षी) इस मामले में मानव से बेहतर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी प्रकार मानव जाति को भी मिलजुल कर रहना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में इस साल 92 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन किया गया है, जो एक रिकार्ड है। प्रदेश में धान खरीदी केन्द्रों की संख्या 1900 से बढ़ाकर 2300 कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि 20 सालों की धान खरीदी का रिकार्ड इस साल टूटा है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अन्तर्गत 31 मार्च 2021 के पहले चौंथी किश्त की राशि किसानों के खाते में जमा कर दी जाएगी। प्रदेश सरकार हर परिस्थिति में किसानों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि इस साल धान खरीदी के एवज में किसानों को 17 हजार 322 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है। प्रदेश में किसान खुशहाल है।

वनमंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि पक्षियों के संरंक्षण एवं संवर्धन के लिए गिधवा-परसदा में तीन दिवसीय पक्षी महोत्सव का आयोजन हुआ। जिसमें देश-विदेश के 150 प्रजाति के पक्षी का यहां बसेरा हुआ है। इस महोत्सव में विभिन्न राज्यों से पक्षी विशेषज्ञ भी शामिल हुए। वनमंत्री ने पक्षी महोत्सव के सफल आयोजन के लिए सभी को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने जनता से किए अपने 36 वायदों में 24 वायदों को 2 सालों में पूरा कर लिया है। संसदीय सचिव श्री बंजारे के अपने क्षेत्र में पक्षी महोत्सव के आयोजन के लिए आये हुए अतिथियों एवं नागरिकों का हार्दिक अभिनंदन किया। प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी ने कहा कि वन विभाग द्वारा प्रकृति की संरक्षण की दिशा मे कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि माह अक्टूबर से फरवरी तक प्रदेश के जिन-जिन स्थानों में प्रवासी पक्षियों का डेरा रहता है, उन स्थानों को चिन्हांकित किया जा रहा है। प्रवासी पक्षियों के आगमन वाले स्थलों को सुरक्षित एवं संरक्षित किया जाएगा।