Chhattisgarh state with immense potential for horticulture

रायपुर – छत्तीसगढ़ की जलवायु विविधताओं की वजह सेे यहां उद्यानिकी फसलों की उत्पादन की असीम संभावना है। इसे मूर्त रूप देने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल एवं कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने दुर्ग जिले के सांकरा पाटन में 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी उद्यानिकी विश्वविद्यालय की नींव रखी। यह राज्य का पहला उद्यानिकी महाविद्यालय है, जहां शिक्षा, उद्यानिकी क्षेत्र में अनुसंधान और प्रशिक्षण से जुड़े काम होंगे। इससे राज्य में उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा मिलेगा।

प्रदेश में उद्यानिकी फसलों की खेती के रकबे में बीते कुछ सालों में चार गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्पादन भी पहले की तुलना में बढ़कर पांच गुना हो गया है। छत्तीसगढ़ राज्य में उगाई जाने वाली प्रमुख फल फसले हैं आम, अमरूद, नींबू, लीची, काजू, अखरोट, चीकू इत्यादि है। इन प्रमुख फल फसलों के अलावा सीताफल, बेल, बेर, आंवला आदि का भी उत्पादन होता हैं। राज्य में वर्ष 2019-20 में फल फसलों का कुल क्षेत्रफल 2 लाख 58 हजार 630 हेक्टेयर तथा उत्पादन 25 लाख 48 हजार 930 मीट्रिक टन हैं। सब्जियां – ज्यादातर सब्जी फसलों जैसे सोलानेसी फसलों, कुकुर्बिट्स, बीन्स, गोभी, फूलगोभी आदि राज्य में बहुत अच्छी तरह उगाए जाते हैं। राज्य में वर्ष 2019-20 में सब्जी फसलों का कुल क्षेत्र 5 लाख 25 हजार 147 हेक्टेयर तथा उत्पादन 71 लाख 58 हजार 909 मीट्रिक टन हैं। मसाले – मिर्च, अदरक, लहसुन, हल्दी, धनिया और मेथी राज्य में उगने वाले प्रमुख मसाले हैं। मसाले का कुल क्षेत्रफल 55 हजार 376 हेक्टेयर तथा उत्पादन 3 लाख 54 हजार 525 मीट्रिक टन हैं।

छत्तीसगढ़ फूलों की खेती के क्षेत्र में नगण्य रहा है। राज्य में फूलों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए किसानों के बीच वाणिज्यिक फूलों की खेती को बढ़ावा देना आवश्यक है। मैरी-गोल्ड, ट्युबोरोज, ग्लैडीओलस, रोज्स, गैलेर्डिया, क्रिसमसम, ऑर्किड इत्यादि जैसे प्रमुख फूल बिना बहुत सावधानी के बहुत अच्छी तरह से उगाए जा सकते हैं। राज्य में फूलों की खेती का रकबा 13 हजार 493 हेक्टेयर तथा उत्पादन 76 हजार 219 मीट्रिक टन है। राज्य में सुगंधित और औषधीय फसलों में अश्वगंधा, सर्पगंधा, सतवार, बुच, आओला, तिखुर एवं सुगंधित फसलों में लेमनग्रास, पामारोजा, जमारोजा, पचौली, ई-सीट्रिडोरा आदि शामिल है। सुगन्धित और औषधीय फसलों का रकबा 8 हजार 957 हेक्टेयर तथा उत्पादन 59 हजार 172 मीट्रिक टन है।