Gandhi craft market became the center of attraction in Pandri Haat
लोगों को लुभा रहे हैं छत्तीगसढ़ी एवं अन्य राज्यों के शिल्प 

रायपुर – राजधानी रायपुर के हृदय स्थल पंडरी हाट बाजार इन दिनों मनमोहक भारतीय शिल्पकला का संगम बना हुआ है। यहां छत्तीसगढ़ी शिल्प सहित अन्य राज्यों के विविध शिल्प लोगों को लुभा रहे हैं। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प बोर्ड द्वारा विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) वस्त्र मंत्रालय के सहयोग से पंडरी हाट बाजार में बीते 12 फरवरी से गांधी शिल्प बाजार का आयोजन किया गया है। यह शिल्प बाजार 22 फरवरी तक चलेगा। गांधी शिल्प बाजार में देश के विभिन्न राज्यों के पारंपरिक वस्त्र एवं विविध शिल्प प्रदर्शन-सह-विक्रय के लिए छूट के साथ-साथ रियायती दर पर उपलब्ध हैं। गांधी शिल्प बाजार में सजावटी समान के साथ रोजमर्रा के उपयोग की वस्तुओं एवं वस्त्रों को बेहतर प्रतिसाद मिल रहा है। लोग विशेषकर महिलाएं यहां रोजाना बड़ी संख्या में पहुंचकर अपनी पसंद के पारंपरिक परिधान और वस्त्र की खरीदी कर रही हैं। 

गांधी शिल्प बाजार में शिल्पकारों द्वारा तैयार किए गए कशीदाकारी, बनारसी, जरी, लखनवी चिकन वर्क, चंदेरी साड़ियां और अन्य राज्यों के पारम्परिक वस्त्रों सहित छत्तीसगढ़ राज्य का ढोकरा हस्तशिल्प, लौह शिल्प, काष्ठ शिल्प, बांस शिल्प, गोदना शिल्प, शीसल शिल्प, टेराकोटा शिल्प, भित्ती चित्र, पत्थर शिल्प, कौंड़ी शिल्प, तूम्बा शिल्प और हाथकरघा वस्त्रों में कोसा सिल्क, टसर सिल्क, कॉटन के ड्रेस मटेरियल, साड़ियां, टुपट्टे, चादर, बेडशीट तथा खादी वस्त्रों और ग्रामोद्योग द्वारा निर्मित सामग्रियां लोगों को आकर्षित कर रहे है। राजधानीवासियों के लिए शादी के सीजन में आयोजित यह शिल्प बाजार लोगों के लिए सौगात बन गई है।

उल्लेखनीय है कि ग्रामोद्योग मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने विगत 12 फरवरी को इस दस दिवसीय गांधी शिल्प बाजार का शुभारंभ किया था। हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि शिल्प बाजार में तीन दिनों में ही लाखों रूपए की सामग्रियों की बिक्री हो चुकी है। इस शिल्प बाजार में लोग किफायती दरों में मिलने वाले पारंपरिक वस्त्र और सजावटी सामग्रियों की जमकर खरीदी कर रहे हैं। गौरतलब है कि इस गांधी शिल्प बाजार में छत्तीसगढ़ राज्य के साथ-साथ मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, केरल, ओडिसा, पाण्डिचेरी, पंजाब सहित अन्य राज्यों के विभिन्न विधाओं के 101 शिल्प कलाकारों द्वारा निर्मित सामग्रियों के प्रदर्शन-सह विक्रय के लिए स्टॉल लगाए गए हैं। यह शिल्प बाजार सुबह 11 बजे से रात्रि 9 बजे तक लोगों की खरीददारी के लिए खुला रहता है।