रायगढ़- कलेक्टर श्री भीम सिंह ने  कलेक्टोरेट स्थित सभाकक्ष में टीएल (समय-सीमा) की बैठक में जिला स्तरीय विभागीय कार्यों की समीक्षा की। वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से जिले के सभी एसडीएम, सीईओ तथा तहसीलदार भी बैठक से जुड़े रहे। कलेक्टर श्री सिंह ने जिले में गिरदावरी कार्य के बारे में निर्देशित किया कि गिरदावरी समयबद्ध कार्यक्रम है इसलिये सभी एसडीएम और तहसीलदार सुनिश्चित करें कि प्रत्येक ग्राम में गिरदावरी में किये गये सर्वे की जानकारी/ सूचना का प्रकाशन सार्वजनिक करते हुये चस्पा कर दी जाये जिससे किसान उसका अवलोकन कर अपनी दावा-आपत्ति निर्धारित समय में प्रस्तुत कर सकें और दावा-आपत्ति प्राप्त होने के पश्चात उसकी जांच कर निराकरण भी किया जाना है। उन्होंने सभी तहसीलदारों को उनके अधीनस्थ पटवारियों को शासकीय कार्यों के लिये आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराने और तहसील कार्यालय में उनके बैठने के लिये स्थान निर्धारित करने के निर्देश दिये।
कलेक्टर श्री सिंह ने राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना ‘गोधन न्याय योजना ‘ के अंतर्गत जिले में गोबर खरीदी की भी समीक्षा की। उन्होंने जिन गोठानों में अधिक मात्रा में गोबर प्राप्त हो रहा है वहां अतिरिक्त वर्मी पिट तैयार करने और प्रत्येक वर्मी कंपोस्ट पिट के ऊपर शेड का निर्माण करने को कहा। कलेक्टर श्री सिंह ने कृषि विभाग के अधिकारियों को प्रत्येक गोठान में अपनी देखरेख में वर्मी कंपोस्ट पिट में निर्धारित मात्रा के अनुसार वर्मी (केंचुआ)उपलब्ध कराने और कम्पोस्ट खाद तैयार कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को गोठान  समिति के सदस्यों और स्व-सहायता समूह के सदस्यों को गोबर खरीदी से लेकर वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने और बिक्री की प्रक्रिया का प्रशिक्षण देने के निर्देश दिये जिससे आगे चलकर सहकारिता प्रणाली के आधार पर यह सभी कार्य संपन्न किया जा सकेगा। कलेक्टर श्री सिंह ने जिले के सभी गोठानों में पिट निर्माण, शेड बनाकर कव्हर किये जाने की स्थिति, गोठान में पानी, बिजली, सोलर सुविधायुक्त पम्प, पैरा तथा चारा की उपलब्धता की अपडेट जानकारी तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिले में जितने भी गोठान है वहां चारागाह होना चाहिये और चारागाह में पशुओं के लिये चारा हमेशा उपलब्ध रहे। उन्होंने चारागाह के चारों तरफ फेसिंग अथवा सी.पी.टी. खोदकर चारागाह की फसल का सुरक्षा करने के निर्देश दिये। उन्होंने उप संचालक पशु पालन विभाग को गोधन न्याय योजना के अंतर्गत जिले के सभी पशुपालकों का पंजीयन एप के माध्यम से करने के निर्देश दिये, भले ही कोई किसान गोबर नहीं बेचता हो परंतु उसका पंजीयन होना चाहिये। कलेक्टर श्री सिंह ने क्रेडा विभाग के अधिकारी को जिले के सभी विकास खण्डों में एक-एक गोठान में जो ग्रामीण बस्ती के समीप हो वहां बायो-गैस लगाने के निर्देश दिये। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री को जिला मुख्यालय के अंग्रेजी माध्यम स्कूल भवन को शीघ्र तैयार करने और जिला शिक्षा अधिकारी के मार्गदर्शन में सर्व सुविधायुक्त लैब एवं पुस्तकालय कक्ष का निर्माण करने के निर्देश दिये।
कलेक्टर श्री सिंह ने शेष बचे प्रवासी श्रमिकों के लेबर कार्ड एक सप्ताह के भीतर तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिले में प्रवासी श्रमिकों को आये 4 माह से अधिक हो गया है परंतु सभी का लेबर कार्ड नहीं बनना गंभीर विषय है। उन्होंने बाढ़ प्रभावित नागरिकों को प्राथमिकता के आधार पर राहत राशि स्वीकृत कर उन्हें वितरित करने के निर्देश दिये। कलेक्टर श्री सिंह ने व्यक्तिगत वन अधिकार पट्टे स्वीकृत करने के संबंध में निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुये वास्तविक रूप से निवासरत व्यक्तियों को पट्टा प्रदान करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पूर्व में जिन व्यक्तियों के वन अधिकार पट्टा प्रस्ताव अमान्य हो चुके है उन प्रकरणों पर भी विचार करते हुये पट्टा प्रदान करने की कार्यवाही की जाये।
कलेक्टर श्री सिंह ने मुख्यमंत्री पेंशन योजना के तहत 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों, विधवा महिलाओं को पेंशन दिलाने तथा सर्वे के आधार पर बीपीएल राशन कार्ड जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को संवेदनशीलता के साथ पूरा करने और शासकीय योजनाओं का लाभ नागरिकों को दिलाने जैसे महत्वपूर्ण कार्य शीघ्रता से करने के निर्देश दिये। उन्होंने केसीसी (किसान के्रडिट कार्ड)के प्रकरणों की समीक्षा करते हुये कृषि, मछली पालन, उद्यानिकी और पशुपालन विभाग के अधिकारियों को बैंक अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर अधिक से अधिक संख्या में क्रेडिट कार्ड तैयार करने के निर्देश दिये।
कलेक्टर श्री सिंह ने मुख्यमंत्री जन चौपाल में प्राप्त शिकायतों का निराकरण निर्धारित समय में पूर्ण करने के निर्देश दिये। टीएल (समय-सीमा)की बैठक के दौरान एडीएम श्री राजेन्द्र कटारा, सीईओ जिला पंचायत सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी, वनमंडलाधिकारी रायगढ़ श्री मनोज पाण्डेय सहित सभी जिला स्तरीय कार्यालय प्रमुख उपस्थित थे और वनमंडलाधिकारी धरमजयगढ़ तथा मैदानी क्षेत्रों में पदस्थ अधिकारियों ने वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से बैठक में भाग लिया।

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