Governor announces adoption of village Sulfipadar in Kondagaon district
आदिवासी महिलाओं द्वारा वन संरक्षण का कार्य सराहनीय : सुश्री उइके

रायपुर – राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने आज जिला कोण्डागांव के ग्राम सल्फीपदर के आदिवासी समाज के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। इस दौरान राज्यपाल ने ग्राम सल्फीपदर को गोद लेने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस क्षेत्र का दौरा करेगी और वहां पर अन्य समस्याओं को निराकरण करने का प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं द्वारा ग्राम सल्फीपदर में वन संरक्षण का कार्य किया जा रहा है, जो वाकई सराहनीय है। वास्तव में जल जंगल जमीन पर आदिवासियों का अधिकार है। वे वनों के असली मालिक है। वे सदियों से वनों की रक्षा करते आएं है। उन्होंने कहा कि 5वीं अनुसूची के तहत ग्रामसभा को व्यापक अधिकार दिए गए है। उक्त किसानों की पानी के समस्या और काली मिर्च की खेती से संबंधित आवश्यकताओं का प्रस्ताव बनाकर ग्रामसभा के माध्यम से प्रशासन को प्रेषित करें। प्रशासन द्वारा उनकी अवश्य मदद की जाएगी।

सुश्री उइके ने कहा कि आदिवासी वनभूमियों का सदियों से उपयोग कर रहे है। प्रशासन द्वारा सामुदायिक वन अधिकार पट्टा प्रदान किया जा रहा है। जिनको पट्टा ना मिला हो उनका सूची बनाकर एक आवेदन शासन को दे। पट्टे मिलने के पश्चात उनकों मालिकाना हक मिल जाएगा और अन्य समस्याओं से भी राहत मिलेगी। राज्यपाल ने समितियों के पंजीयन के कार्यवाही पूर्ण करने को कहा। श्री हरिसिंह सिदार ने बताया कि ग्राम सल्फीपदर के महिलाओं का समूह वनों को ना किसी को काटने देते है और ना जलाने देते है और किसी को पशु चराने भी नहीं देते। इस समूह द्वारा वृक्षों के नीचे काली मिर्च की खेती की जाती है। यह शत प्रतिशत जनभागीदारी पर आधारित है। काली मिर्च की बाजार में अच्छी मांग है, एक बार काली मिर्च बोने के बाद लंबे समय तक अच्छी उपज ली जा सकती है साथ ही वनों की संरक्षण भी होता है। उन्होंने बताया कि कुछ समय से पानी की कमी से फसल का नुकसान हो जा रहा है। प्रतिनिधिमंडल में उपस्थित किसानों ने राज्यपाल के समक्ष अन्य मुद्दों को भी रखा। इस अवसर पर ग्राम सल्फीपदर के बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थें।