Handicraft artifacts of Chhattisgarh are getting recognition globally – Minister Guru Rudrakumar
ग्रामोद्योग मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने 10 दिवसीय गांधी शिल्प बाजार का किया शुभारंभ
छत्तीसगढ़ सहित विभिन्न राज्यों के शिल्पकला कृतियों का समागम

रायपुर – ग्रामोद्योग मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने आज राजधानी रायपुर के छत्तीसगढ़ हाट परिसर पण्डरी में 10 दिवसीय गांधी शिल्प बाजार का शुभारंभ किया। मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ के हस्तशिल्प कलाकृतियों को विश्व स्तर पर पहचान मिली है। छत्तीसगढ़ के शिल्प कला को राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। हस्तशिल्प के उत्पादों को बेहतर बाजार उपलब्ध कराने के लिए ग्रामोद्योग विभाग द्वारा उन्हें ऑनलाईन भी बेचा जा रहा है। उन्होंने इस शिल्प बाजार में आने वाले लोगों से कहा कि कोरोना अभी पूर्ण रूप से समाप्त नहीं हुआ है और यहां आने वाले सभी लोग कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए राज्य शासन द्वारा जारी गाईडलाईन का पूर्ण रूप से पालन करने की अपील की है। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री चंदन कश्यप और छत्तीसगढ़ हाऊसिंग बोर्ड के अध्यक्ष श्री कुलदीप जुनेजा ने भी अपने सम्बोधन में देश भर से आए शिल्पकारों को बधाई और शुभकामनाएं दी। इस 10 दिवसीय गांधी शिल्प बाजार में छत्तीसगढ़ राज्य के साथ-साथ मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, अहमदाबाद, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों के विभिन्न शिल्पकला के 70 से अधिक शिल्पकार शामिल है। 12 फरवरी से 21 फरवरी तक आयोजित होने वाले इस गांधी शिल्प बाजार का आयोजन विकास आयुक्त (हस्तशिल्प), वस्त्र मंत्रालय नई दिल्ली के सहयोग से किया गया है। इस अवसर पर मंदिरहसौद के बहनाकाड़ी से आए युवा जागृति पंथी नर्तक दल द्वारा मनमोहक पंथी नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी।

गांधी शिल्प बाजार में लगभग 80 स्टॉल लगाए गए हैं। जिनमें छत्तीसगढ़ के हस्तशिल्प कलाकृतियों की 15 और अन्य राज्यों की कलाकृतियों की 65 स्टॉल में विक्रय किया जा रहा है। इस शिल्प बाजार का आयोजन सुबह 11 बजे से रात्रि 9 बजे तक होगा। छत्तीसगढ़ राज्य का हस्तशिल्प ढोकरा, लौह शिल्प, काष्ठ शिल्प, बांस शिल्प, गोदना शिल्प, शीसल शिल्प, टेराकोटा शिल्प, भित्ती चित्र, पत्थर शिल्प, कौंड़ी शिल्प, तूम्बा शिल्प सहित कशीदाकारी, बनारसी, जरी, लखनवी चिकन वर्क, चंदेरी साड़ियां और अन्य राज्यों के पारम्परिक वस्त्रों सहित विविध शिल्प इत्यादि के स्टॉल लगाए गए हैं। इसी प्रकार हाथकरघा वस्त्रों में कोसा सिल्क, टसर सिल्क, कॉटन के ड्रेस मटेरियल, साड़ियां, टुपट्टे, चादर, बेडशीट तथा खादी वस्त्रों और ग्रामोद्योग द्वारा निर्मित सामग्रियों का विक्रय भी गांधी शिल्प बाजार में किया जा रहा है। राजधानी वासियों के लिए उनकी पसंद के अनुरूप गृह उपयोगी और साज-सज्जा की आकर्षक सामग्रियां लोगों के मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहेगा जो वाजिब दामों पर बिक्री के लिए उपलब्ध रहेंगे। इस अवसर पर खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के एमडी श्री राजेश कुमार राणा, हाथकरघा के अपर संचालक श्री एन.के. चन्द्राकर, हस्तशिल्प विकास बोर्ड के महाप्रबंधक श्री एस.एल. धुर्वे और हस्तशिल्प विकास बोर्ड के श्री एल.एस. मीणा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।