रायपुर/बिलासपुर । रायपुर नगर निगम को हाईकोर्ट को बड़ा झटका लगा। दरअसल रायपुर नगर निगम ने सुभाष स्टेडियम में काबिज दुकानदारों को दुकान का आबंटन न देकर नई नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी, जिसे वास्तुविद संदीप श्रीवास्त्व और नीना श्रीवास्तव ने हाईकोर्ट में चुनौति दे दी। इनके साथ सभी दुकानदारों ने याचिका दायर की थ्ज्ञी, जिस पर कोर्ट ने आज फैसला सुनाया।
दुकानदारों ने कोर्ट को बताया कि सुभाष स्टेडियम में बने 05 दुकानों को नगर निगम रायपुर से लीज में वर्ष 1995 से लिए हुए थे, 2014 में नगर निगम ने सुभाष स्टेडियम को पुननिर्माण करने का निर्णय लिया, और पुननिर्माण में नए दुकान नहीं बनाने की बात कही।
संदीप श्रीवास्त्व और नीना श्रीवास्तव ने बताया कि नगर निगम ने दुकानों का रेंट एग्रीमेंट निरस्त कर दिया, इसी निरस्ती आर्डर को दुकानदार ने 2014 में उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। नगर निगम के वकील पंकज अग्रवाल ने आयुक्त से पूछकर न्यायालय में स्टेटमेंट दिया कि याचिकाकर्ता सहित सभी को अन्य जगह दुकान दी जाएगी, इस बीच निगम ने अन्य जगह दुकान नहीं दी और यह निर्णय लिया की सुभाष स्टेडियम में पुन: दुकान बनाई जाएगी, जो की 2017 में बनकर तैयार हो गई, और निगम ने दुकान बेचने के लिए नोटिस जारी किया, उसको भी हाई कोर्ट में चुनौती दी गई, फिर निगम ने नीलामी में दुकान बिक्री नहीं होने से नीलामी निरस्त कर दी। बिना याचिकर्ता को कोर्ट का आदेश के पालन में दुकान नहीं दी गई और 16 मार्च 2020 को पुन: दुकान बिक्री की नोटिस जारी की गई, जिसकी आखिरी तारीख 25 जून 2020 रखी गयी, जिसे फिर से याचिकर्ता ने चुनौती दी।
वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप दुबे ने कोर्ट को बताया कि ऐसे ही प्रकरण में जवाहर मार्केट के दुकानदारों को दुकान रेंट में पुनर्वासित कर दी जा रही है। उन्होंने जानकारी दी कि नगर निगम याचिकाकर्ताओं के साथ भेदभाव कर रही है। न्यायालय ने दोनों पार्टी को सुनाने के बाद आज होने वाली नीलामी को स्थगन दिया है और याचिकर्ता के लिए क्या प्रस्ताव है उसे लिखित में देने का आदेश दिया है, अगली सुनवाई 01 जुलाई को होगी।

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