रायपुर – लेक्टर डॉ. एस.भारतीदासन के निर्देशानुसार कृषि विभाग के जिला स्तरीय पेस्ट सर्विलेंस दल के द्वारा ग्राम कोहका, घुलघुल, देवरी, नेवरा, सासाहोली, बेमता, भूमिया, अटारी, जरवाय आदि  के कृषकों के खेतों का निरीक्षण किया गया। वर्तमान में धान की शीघ्र पकने वाली फसल की किस्में जैसे– MTU 1010, महामाया, राजेश्वरी आदि पकने की अवस्था में है।देर से पकने वाली किस्में जैसे- स्वर्णा, BPT 5204, MTU 1001 आदि गबोट अवस्था में है। धान में वर्तमान में तनाछेदक, गंधीबग, भुरामाहो, पैनिकल माईट आदि कीटों का प्रकोप देखा गया। इसी प्रकार धान फसल में बैक्टीरियल लिफ ब्लाईट, ब्लास्ट, सिथ ब्लाईट, फॉल्स स्मट आदि बीमारियों का प्रकोप देखा गया है। कृषकों को स्थल पर ही बीमारी नियंत्रण के उपाय बताये जा रहे है। इसके अतिरिक्त चारो विकासखंडों के मैदानी अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा कीटव्याधि पर सतत् निगरानी हेतु निर्देश दिये गये हैं।

  उप संचालक कृषि द्वारा नगर निगम रायपुर क्षेत्र के गौठान ग्राम-फुन्डहर, अमलीडीह एवं अटारी का निरीक्षण किया गया। गोधन न्याय योजनांतर्गत पशुपालकों से
क्रय किये गये गोबर से वर्मी कम्पोस्ट निर्माण, गोबर से गमला एवं गोबर से लकड़ी निर्माण हेतु महिला स्व सहायता समूहों से चर्चा की गयी। इसके बाद ग्राम-जरवाय के कृषि प्रक्षेत्रों का निरीक्षण कर कीटव्याधि के संबंध में किसानों को कीट एवं बीमारियों के उपचार की जानकारी दी गयी।इसी तरह कृषि आदानों की गुणवत्ता सुनिश्चित
करने हेतु जिले में टीम गठित कर बीज, उर्वरक एवं कीटनाशक निर्माता एवं विक्रेता परिसरों का निरीक्षण कर नमूना, गुणवत्ता परीक्षण हेतु शासन द्वारा अधिसूचित गुण नियन्त्रण प्रयोगशाला प्रेषित किया जा रहा है। किसान खेतों में कीटव्याधि के प्रकोप होने पर कृषि अधिकारियों के बिना अनुशंसा के रासायनिक दवाईयों का उपयोग न करें। गलत कीटनाशकों के प्रयोग से कीटों में प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि हो जाती है। रासायनिक कीटनाशकों का सही समय, सही दवा एवं सही विधि का उपयोग करें।कीट बीमारी आदि के संबंध में समसामयिक सलाह हेतु जिला स्तर पर स्थापित नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नंबर 0771-2435746 पर सम्पर्क कर सकते है।

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