बैंक सखियों ने बैंक की दूरी को किया खत्म

कोरोना संक्रमण के रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए अब रायपुर जिले में महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत कार्यरत मजदूरों का मजदूरी भुगतान  बैंक सखी के माध्यम से किया जा रहा है।बैंक सखी महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य होती है।बैंक सखियों को बैंकिंग कार्यो के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।इन बैंक सखियों को प्रति ट्रांसक्शन पर बैंक द्वारा तीन से दस रुपए का कमिशन दिया जाता है।जिले के आरंग एवं तिल्दा विकासखंड में कुल 60 बैंक सखी हैं।जिनके द्वारा मनरेगा मजदूरी का भुगतान कार्यस्थल पर जाकर किया जा रहा है।इस तरह भुगतान होने से श्रमिकों को बैंक जाकर पैसा निकालने की समस्या से निजात मिल रही है।

     जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ गौरव कुमार सिंह ने बताया  कि आरंग विकासखंड के ग्राम चपरीद, सकरी, देवरतिल्दा,भैंसमुड़ी, खोरसी,भटिया,लांजा,मजीठा, कोरासी,भैंसा,संडी,पीरदा, कोसरंगी,उमरिया, रसनी, बोरिद और कुकरा में अप्रैल से आज तक 123.36 लाख रुपए की राशि का वितरण किया जा चुका है।इस राशि में पेंशन की राशि भी सम्मिलित है।इस राशि के वितरण के लिए बैंक सखियों द्वारा 9225 ट्रांसक्शन किया गया है।इसी तरह तिल्दा विकासखंड के 12 ग्राम पंचायतों में अप्रैल से आज तक 137.79 लाख रुपए का भुगतान 7696 ट्रांजैक्शन के द्वारा किया गया है। इस प्रकार बैंक सखी के माध्यम से बैंक खाता धारी ग्रामीण को मजदूरी भुगतान, पेंशन व अन्य बैंकिंग कार्यों संबंधी ट्रांजैक्शन गांव में ही कर सकते हैं। बैंक सखी के होने से बैंक जाने की आवश्यकता अब ग्रामीणों को नहीं होती है।बैंक सखियों ने बैंक की दूरी को मजदूरों के लिए खत्म कर दिया है।मजदूरों को कार्यस्थल पर ही मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है।


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