रायपुर – छत्तीसगढ़ सरकार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने वाली सुराजी गांव योजना से गांवों में स्वरोजगार एवं स्वावलंबन की ओर लोगों का रूझान बढ़ा है। सुराजी योजना के तहत गांव में निर्मित गौठान आजीविका के केन्द्र के रूप में विकसित होने लगे हैं। गौठानों में आयमूलक गतिविधियां शुरू हो गई है। महिला स्व सहायता समूह गौठानों में वर्मी खाद का उत्पादन करने के साथ-साथ सामूहिक खेती विशेषकर सब्जी-भाजी का उत्पादन करने लगी है। इससे होने वाले मुनाफे से उनका आत्मबल और विश्वास बढ़ा है।

बलरामपुर जिले विकासखण्ड रामचन्द्रपुर के विजयनगर में महिला समूहों द्वारा रागी की खेती की जा रही है। 18 महिला समूहों द्वारा विजयनगर में 187 एकड़ में रागी फसल लगाई गई है। यहां की महिला समूहों ने इसके साथ ही अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए  मछली तथा मुर्गी पालन को भी अपनाया है। जिला प्रशासन द्वारा महिला समूहों को आश्वयक मार्गदर्शन एवं मदद दी जा रही है। कलेक्टर श्री श्याम धावड़े ने महिला समूहों की गतिविधियों को सराहा है और उनके द्वारा की गई रागी की खेती को नुकसान से बचाने के लिए सुरक्षा के प्रबंध करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।

समूह की महिलाओं ने बताया कि पिछले वर्ष भी रागी की खेती की गई थी, जिसे बीज निगम को बेचकर उन्हें अच्छी आय प्राप्त हुई। इस वर्ष भी कृषि विभाग के सहयोग से 187 एकड़ में रागी की बुवाई की गई है। महिला समूहों ने रागी बीज की आपूर्ति के लिए विधिवत बीज निगम में अपना पंजीयन कराया है। रागी फसल भी अगले 15-20 दिनों में तैयार हो जाएगी। महिला समूह लाख पालन के लिए भी प्रयासरत है। उन्होंने जिला प्रशासन से लाख पालन के लिए मार्गदर्शन एवं मदद मांगी है। समूह की महिलाओं द्वारा वर्तमान में तीन शेड में मुर्गीपालन किया जा रहा है। कलेक्टर ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों से महिलाओं को उन्नत मुर्गी पालन के लिए जानकारी, प्रशिक्षण तथा सहयोग प्रदान करने को कहा।