Bordih Dam Dallirajhara

Bordih Dam Dallirajhara नगर से महामाया माइंस जाने वाले मुख्य मार्ग पर लगभग 11 किलोमीटर की दूरी स्थित बोईरडीह डैम इसकी सुंदरता प्रकृति प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। लोग बड़ी संख्या में डेम की खूबसूरत नजारे को देखने पहुंच रहे हैं। बीएसपी के इस डैम को अगर पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करे तो पर्यटकों की संख्या काफी बढ़ सकती है।

1972 में बना है बोइरडीह डैम: बोइरडीह डैम में एक दशक पूर्व नगर व आसपास के क्षेत्र सहित दुर्ग, भिलाई, रायपुर, राजनांदगांव, बालोद, धमतरी तक के लोग पिकनिक मनाने आया करते थे। यह बांध हर मौसम में लबालब रहता है। लेकिन बाद में प्रतिबंध लगा देने के कारण पर्यटक घट गए थे। लेकिन अब फिर लोग पहुंच रहे है।

दल्ली प्लांट के वाशिंग यूनिट व टाउनशिप के क्वाटरों में पेयजल के उद्देश्य से बोईरडीह बांध का निर्माण 1971-72 में किया था। बीएसपी ने चारों तरफ से घिरे इस पहाड़ी को 35 मीटर ऊंची व 200 मीटर लंबी मेड़ बांधकर निर्माण किया था। चारों तरफ पहाड़ियों व जंगलों से घिरे इस बांध के निर्माण के बाद हर मौसम में लबालब भरा रहता है। तत्कालीन बीएसपी के उच्च अधिकारियों ने इस क्षेत्र में पर्यटन की संभावना तलाश की थी। बाद में डैम के निचले हिस्से में तरह-तरह के फूल लगाकर पिकनिक स्पॉट के रूप में परिवर्तित कर दिया था।

टापू आकर्षण का केंद्र: लगभग 403.600 आर डब्ल्यू एल वाटर लेबल क्षेत्र वाले इस डेम के बीचों-बीच कई टापू मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा। इस क्षेत्र में लकड़बग्घा, तेंदुआ, सियार, हिरण, भालू, बारहसिंघा जैसे वन्य प्राणी विचरण करते हुए इस डैम के किनारे आकर अपनी प्यास बुझाते हैं। जिसे देखने के लिए लोग पहुंचते हैं।

2001 से लग गया पिकनिक के लिए प्रतिबंध: सन 2001 में बीएसपी के जूनियर मैनेजर का मृत शरीर इस डैम में पानी के अंदर पाए जाने के बाद इस डैम को प्रबंधन ने पिकनिक स्पॉट के रूप में उपयोग करने के लिए बंद कर दिया गया। बीएसपी ने चैन लिंक फैंसिंग कर इस क्षेत्र में प्रवेश प्रतिबंधित का बोर्ड भी लगा दिया गया। तब से अब तक इस क्षेत्र में लोग पिकनिक मनाने जाने से वंचित हो गए। अब पुन: लोग इस स्थल पर परिवार सहित पिकनिक मनाने पहुंच रहे हैं। नया साल एवं दिपावली के समय बोइरडीह डेम में आसपास के अलावा दुर्ग, भिलाई के सैलानी भी पिकनिक मनाने प्रतिवर्ष यहां पहुंचते हैं।