Kanker Ghati Rashtriya

Kanker Ghati Rashtriya यह कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान जो की जगदलपुर, छत्तीसगढ़ में है, जिसकी  स्थापना 1982 में हुई थी |   यह सुंदर कांगेर घाटी एक national park यानि की राष्ट्रीय उद्यान है जो की छत्तीसगढ के जगदलपुर जिला से लगभग 25 km की दूरी पर स्थित है। इस घाटी को 22 जुलाई 1982 में ‘नेशनल पार्क’ घोषित किया गया था । ये उद्यान पूरे 200 sq. Km area में तीरथगढ़ झरनाl से लेकर पूर्वी ओडिशा के सीमा तक फैला हुआ है । कांगेर नदी इस घाटी के बीचो-बीच हो कर गुजरती  है। ये घाटी अपनी natural beauty व अद्वितीय समृद्ध जैव विविधता की वजह से famous है । कहा जाता है जिन्हें प्रकृति से प्रेम है उनके लिए तो ये जगह स्वर्ग है। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान एक ‘बायोस्‍फीयर रिजर्व’ है। इस उद्यान में एक बड़ी संख्‍या में जनजातीय आबादी भी रहती है । इस पार्क  में कई तरह के जिव जन्तु रहते है साथ हीं यहाँ अन्य कई चीजे ऐसी भी है जिसे देख के आपका मन भी चहक उठेगा । यदि आपको तरह तरह के पक्षियाँ और उसके चहचहाने को सुनना और देखना है तो आप इस घाटी मे एक बार जरुर जाएँ । कांगेर घाटी का नज़ारा एक संतोषजनक अकथनीय और प्राकृतिक अनुभव का एक बहुत हीं बड़ा मिसाल है। यहां की स्थिरता एक अलग हीं  वातावरण बनाती है। निचे  कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान से जूरी कुछ और अहम बाते  बताई गई है जिसे की इस घाटी में घुमने का सबसे अच्छा समय कौन सा होता है, इस घाटी तक कैसे पहुंचे, यहाँ क्या क्या देखने योग्य है, आदि ।

कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान घुमने कब जाएँ

वैसे तो इस उद्यान को घुमने के लिए सालो भर का मौसम अनुकुल है। लेकिन ये उद्यान केवल 1 November से लेकर 30 जून तक हीं खुला हुआ रहता है। बरसात आते हीं यानि की जुलाई  से लेकर अक्टूबर  तक ये उद्यान बंद हो जाती है।  इस उद्यान का एंट्री सुबह 8.00 बजे से शाम के 4.00 बजे तक है, इसके बाद एंट्री बंद कर दी जाती है ।

यहाँ तक कैसे जाएँ

कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान तक पहुँचने के लिए वायुमार्ग, रेलमार्ग और रोडमार्ग तीनो की सुविधा उपलब्ध है । इसके अलावा यदि आपके पास खुद की ट्रांसपोर्ट व्यवस्था है तो आप उससे भी इस उद्यान तक पहुँच सकते है । यहाँ तक पहुँचने के लिए सबसे नज़दीक हवाई अड्डा “रायपुर” का है जो देश के लगभग सभी प्रमुख नगरो से जुड़ा हुआ है।

रेलमार्ग द्वारा इस उद्यान तक पहुँचने के लिए सबसे नजदीकी रेल्वे स्टेशन “जगदलपुर” है। यहाँ से लगभग 25 km की दूरी पर उत्तर कि ओर जगदलपुर-दरभा मार्ग पर यह park स्थित है।  बस से भी यात्रा करने पर ये park जगदलपुर से 25 km की हीं दूरी पर हीं पड़ता है ।

कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान जाने वालो सभी टूरिस्ट  के लिए ठहरने की कई जगह पर व्यवस्था की गई है

देखने योग्य चीजें

कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में देखने के लिए बहुत सी ऐसी चीजे है जिसे देखने के बाद आपको इस जगह से वापस आने का मन नहीं करेगा । इस उद्यान में घने जंगल , लतायें-कुंज, बेलाओं के झुरमुट, रमणीक पहाड़ी, चहचहाते पक्षियाँ, रहस्यमयी गुफायें, जलप्रपात, आदि के नज़ारे देखने लायक होते है । इस उद्यान में वन भूमि के साथ साथ झरना व कांगेर नदी का नज़ारा भी देखने योग्य है।

इस उद्यान में आपको रंग-बिरंगी पक्षियाँ हर समय उड़ते हुए नज़र आ जायेंगे । इन पक्षियों को देखने के लिए आप अपने साथ बायनाकुलर जरुर से ले जाए साथ हीं कैमरा भी ले जाए ताकि आप इन पक्षियों की तस्वीरे ले सके । यहाँ के वन्यजीव सुबह और शाम को विचरण के लिए बाहर निकलते है।

छत्तीसगढ का राज्य पक्षी जो की “पहाडी मैना” है वो भी आपको इस उद्यान के जंगलो मे देखने को मिलेंगे । इसके अलावा इस जंगल में आपको भृगराज, बाघ, चीता , सांप, वनमुर्गी, भेडिए, अजगर, कोबरा सरपेंट इगल, जंगली बिल्‍ली, चीतल, श्यामा रैकेट टेल, घडियाल, उड़ने वाली गिलहरी, मॉनिटर छिपकली, आदि कई तरह के जीव देखने को मिलेंगे ।

कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के भीतर देखने योग्य कई तरह के रहस्यमय गुफाएं भी है जैसे की :-

कुटुमसार गुफा – इस गुफा की खोज सन 1900 में हुई थी उसके बाद सन 1951 में डॉ. शंकर तिवारी द्वारा इसकी सर्वेक्षण की गई। इस गुफा के सतह में बहुत से छोटे-छोटे पोखर है जिसमे कई तरह के अंधी मछलियां व मेंढक पाये जाते है । इसके अलावा इस गुफा के अँधेरे में झींगुर, सांप, मकडी, चमगादड, आदि कई चीजे भी पाए जाते है ।

कैलाश गुफा – इस गुफा की खोज सन 1993 में इसी पार्क  के अधिकारियों और कर्मी द्वारा की गई थी । इसके अंदर का नज़ारा कैलाश पर्वत के जैसा हीं है । गुफा के अंदर एक Music point है जहां पर आप चूने यानि की lime की संरचनाओं को स्टोन से टकरा कर संगीत का मज़ा ले सकते है। इस गुफा के अंत में शिवलिंग भी मौजूद है ।

डंडक गुफा – इसे अप्रेल 1995  में खोजा गया था । इसमें दो खंड है :- पहले खंड में एंट्री  करने के बाद एक विशाल सभागृह  नज़र आता है और दूसरे खंड में जाने के लिए घुटने के बल चल कर  जाना होता है ।

इसके अलावा इस उद्यान में तीरथगढ  जलप्रपात , कांगेर धारा , भैंसा दरहा, आदि कई चीजे देखने योग्य है ।

प्रवेश शुल्क 

इस उद्यान में प्रवेश करने के लिए आपको ticket कटवाना होगा जो की आपको उद्यान के मुख्य द्वार पर हीं मिल जायेगा ।

  • यहाँ का एंट्री टिकट प्रति व्यक्ति 25 रुपयेहै ।
  • विदेशी पर्यटक के लिए इसी ticket का कीमत 150 रुपये प्रति व्यक्ति है ।

तीरथगढ़ झरना कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है| इसके साथ ही साथ केंजरधार और भैंसाधार मगरमच्छ पार्क के लिए लोकप्रिय पर्यटक स्थल हैं। पार्क की प्राकृतिक सुंदरता का पता लगाने के लिए जिप्सी सफारी पर्यटकों के लिए उपलब्ध है।

हवाई मार्ग द्वारा

जगदलपुर (बस्तर ) का स्वंय हवाई अड्डा वर्तमान में एयर ओडिशा द्वारा संचालित है | यहाँ से रायपुर एवं विशाखापत्तनम के लिए हवाई सेवा प्रारंभ है | इसके आलावा डी.आर.डी.ओ,एयर फोर्स,बी.एस.एफ एवं सी.आर.पी.एफ. निजी चार्टर प्लेन यहाँ संचालित करते हैं | छत्तीसगढ़ का मुख्य हवाई अड्डा स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डा, रायपुर है ,जिसकी दूरी जगदलपुर(बस्तर ) से 300 किमी है । यह भोपाल, इंदौर, दिल्ली, कोलकाता और मुंबई आदि जैसे प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

ट्रेन द्वारा

जगदलपुर रेलवे लाइन से विशाखापट्नम एवं रायपुर से भी जुड़ा हुआ है |जगदलपुर रेलवे स्टेशन को लौह अयस्क के किरंदुल से विशाखापत्तनम परिवहन हेतु मुख्य रूप से उपयोग किया जाता है | इसका संचालन पूर्व तट रेलवे द्वारा किया जाता है | यहाँ से विशाखापत्तनम -किरंदुल ,दुर्ग-जगदलपुर ,हावडा-कोरापुट ,हीराकुंड एक्सप्रेस एवं जगदलपुर -विशाखापत्तनम (रात्रिकालीन एक्सप्रेस ) का संचालन किया जा रहा है |वर्तमान में रावघाट -जगदलपुर रेलवे लाइन का कार्य प्रगति पर है |

सड़क के द्वारा

राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 30 और रायपुर, भिलाई आदि जैसे कई अन्य राज्य राजमार्गों के एक अच्छी तरह से जुड़ा रोड़ नेटवर्क हैं। जगदलपुर से एवं जगदलपुर के लिए नियमित बस सेवाएं, एक्सप्रेस या स्लीपर बसे चलती है | जगदलपुर के अंतर्राज्यीय बस स्टैंड से तेलंगाना राज्य परिवहन निगम की बस जगदलपुर से हैदराबाद ,आंध्र प्रदेश राज्य परिवहन निगम की बस जगदलपुर से विशाखापट्नम ,विजयवाड़ा एवं राजमेहंदरी ,ओड़ीशा राज्य परिवहन से मलकानगिरी,भुवनेश्वर एवं जयपुर ओडिशा में लिए नियमित बसे हैं |

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