Indian vaccine

Joharcg.com कोरोना के खिलाफ भारतीय हथियारों का लोहा धीरे-धीरे दुनिया के तमाम देश मामने लगे हैं। भारत में बनी कोवाक्सिन और कोविशील्ड को अब तक दुनिया के 96 देश मान्यता दे चुके हैं। इन दोनों टीकों को विश्व स्थास्थ्य संगठन ने आपातकालीन उपयोग सूची में शामिल किया है। इसके बाद भारतीय टीकों को मान्यता देने वाले देशों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अब तक आठ कोविड-19 टीकों को मान्यता दी। यह गर्व की बात है कि इसमें दो टीके भारत के शामिल हैं। कोवाक्सिन को जहां भारत बायोटेक ने बताया है तो कोविशील्ड का उत्पदान सीरम इंस्टीट्यूट ने किया है। 

केंद्रीय मंत्री मंडाविया ने कहा कि भारत सरकार दुनिया के बाकी देशों के साथ संपर्क साधे हुए है। ताकि शिक्षा, व्यवसाय, पर्यटन के लिए सभी नागरिक एक-दूसरे देश की यात्रा कर सकें। इसके लिए दुनिया के सबसे बड़े कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के लाभार्थियों को स्वीकृति और मान्यता देने पर बात चल रही है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण प्रमाणपत्र की पारस्परिक मान्यता के लिए कई देश राजी हो गए हैं। जो लोग विदेश यात्रा करना चाहते हैं, वे को-विन पोर्टल से टीकाकरण प्रमाणपत्र डाउनलोड कर सकते हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि भारत के दोनों टीकों को मान्यता देने वाले देशों में कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूके, जर्मनी, फ्रांस, रूस, बेल्जियम और स्विट्जरलैंड जैसे देश भी शामिल हें। उन्होंने बताया कि देश में अब तब 109 करोड़ से अधिक लोगों को कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक लगाई जा चुकी हैं।

इन देशों ने दी मान्यता 

आयरलैंड, नीदरलैंड, स्पेन, बांग्लादेश, फिनलैंड, माली, घाना, सिएरा लियोन, नाइजीरिया, सर्बिया, पोलैंड, स्लोवाक रिपब्लिक, क्रोएशिया, बुल्गारिया, तुर्की, चेक गणराज्य, स्विट्जरलैंड, स्वीडन, ऑस्ट्रिया, रूस, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, कतर आदि देशों ने टीकाकरण प्रमाणपत्रों की परस्पर मान्यता के लिए सहमति व्यक्त की है।