Bullet surrenders to the ballot to show a stake in democracy
Bullet surrenders to the ballot to show a stake in democracy
पुलिस के नक्सल विरोधी ऑपरेशन से बढ़ा लोगों में विश्वासः डीजीपी

रायपुर – नक्सल प्रभावित बस्तर के अंदरूनी इलाकों से लोकतंत्र की खूबसूरत तस्वीरें नक्सली इरादों पर भारी पड़ने लगी हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा चलाये जा रहे नक्सल विरोधी अभियान में नक्सलियों को बैकफुट पर ला दिया है। इसी का नतीजा है कि पंचायत चुनाव के दौरान सुकमा जिले के कोंटा के धर्मापेंटा गांव में चुनावी सभा के दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीणों की उपस्थित देखने को मिली । ग्रामीणों के अनुसार इस क्षेत्र में पिछले 30 साल से कोई सभा नहीं हुई थी। नक्सल प्रभावित इलाकों के नागरिकों का विश्वास लोकतंत्र और पुलिस के प्रति बढ़ा है। वहीं उनके मन से नक्सलियों का भय खत्म हो रहा है। धर्मापेंटा एक ऐसा इलाका है जहॉं नक्सलियों द्वारा लगातार भय दिखाकर ग्रामीणों को चुनावी सभाओं और मतदान से दूर रखा जाता था। लेकिन पुलिस फोर्स की मौजूदगी से पिछले वर्षों की तुलना में यहॉं के माहौल में बड़ा परिवर्तन आया है। किसी चुनावी सभा में 300 से ज्यादा ग्रामीणों की उपस्थिति लोकतंत्र के लिये शुभ संकेत है साथ ही नक्सलियों के पॉंव उखड़ने की ओर इशारा भी करती है।

    वहीं दूसरी तस्वीर दक्षिण बस्तर जिले की है जहॉं पर बुलेट ने बैलेट के आगे आत्मसमर्पण कर दिया। अतिसंवेदनशील मतदान केन्द्र सुरनार में ईनामी माओवादी डीएकेएमएस अध्यक्ष सहित 12 माओवादियों ने अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण के बाद इन्होंने मुख्यधारा में शामिल होकर मतदान भी किया। इस बार पंचायत चुनाव में नक्सल प्रभावित इलाकों में पिछली बार की तुलना में दोगुणा से ज्यादा मतदान हुआ है।

    डीजीपी श्री डी.एम. अवस्थी ने कहा है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर हमारे जवानों द्वारा लगातार नक्सलियों के विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है। छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा सुदूर ग्रामीण अंचल मे रहने वाले ग्रामीणों का दिल जीतने की कोशिश की जा रही है। यही वजह है कि बस्तर में लोकतंत्र के प्रति विश्वास बढ़ रहा है और नक्सली दहशत खत्म हो रही है।