रायपुर : ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रुद्रकुमार ने छत्तीसगढ़ के हस्तशिल्प (Hastashilp) उत्पादों के जरिए हस्तशिल्पियों को बेहतर बाजार और उन्हें नियमित आय का जरिया उपलब्ध कराने हस्तशिल्पों की गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा है कि इन उत्पादों को ऑनलाइन प्लेटफार्म में बेहतर ढंग से प्रदर्शित किया जाए। जिससे इन शिल्पियों को न केवल देश बल्कि उनकी मांग विदेशों में भी बढ़े। मंत्री गुरू रूद्रकुमार आज अपने निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प (Hastashilp) विकास बोर्ड और छत्तीसगढ़ माटीकला बोर्ड के अधिकारियों की वर्चुअल समीक्षा बैठक को संबोधित किया। बैठक में प्रमुख सचिव डॉ. मनिन्दर कौर द्विवेदी उपस्थित थीं। हस्तशिल्प (Hastashilp) विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री चंदन कश्यप और जिलों के ग्रामोद्योग अधिकारी वीडियों काफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक में शामिल हुए।

    ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रुद्रकुमार ने कहा कि प्रदेश में शिल्पकारों द्वारा उत्पादित सामग्रियों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए शिल्पियों को बेहतर प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। जिससे उनकी कला में और अधिक निखार आ सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप शिल्पियों को नियमित रूप से रोजगार देकर उन्हे आजीविका से जोड़ने के प्रयास किए जाएं। शिल्पियों की सामग्री की बिक्री के लिए उपलब्ध कराए गए ऑनलाइन प्लेटफार्म को और अधिक प्रभावी और आकर्षक बनाया जाए। उन्होंने माटीकला बोर्ड के माध्यम से कुम्हारों की आजीविका एवं उन्हें नियमित रूप से रोजगार उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित किया जाए। मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने कहा कि राज्य में कोरोना काल की विषम परिस्थितियों में भी शिल्पियों के उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने समीक्षा बैठक में हस्तशिल्प (Hastashilp) विकास बोर्ड के अधिकारियों द्वारा अद्यतन जानकारी नहीं लाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की।

    प्रमुख सचिव ग्रामोद्योग डॉ. श्रीमती मनिंदर कौर द्विवेदी ने कहा कि शिल्पकारों के उत्पादों को देश-विदेश में भी ऑनलाइन प्लेटफार्म पर बेहतर प्रतिसाद मिल रहा है और दिल्ली स्थित विदेशी दूतावासों में भी इन उत्पादों की लगातार मांग आ रही है। उन्होंने हस्तशिल्प (Hastashilp) उत्पादों का फोटो सेशन होने के बाद भी अब तक उनकी कोडिंग नहीं किए जाने पर कड़ी अप्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन प्लेटफार्म से बेहतर और कोई दूसरा बाजार नहीं है। सभी अधिकारी शिल्प उत्पादों की कोडिंग का कार्य प्राथमिकता से पूर्ण कराएं। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी आगामी 22 जून को होने वाली वर्चुअल बैठक में अद्यतन जानकारी के साथ उपस्थित रहें।

    बैठक में ग्रामोद्योग के संचालक और हस्तशिल्प विकास बोर्ड के प्रबंध संचालक श्री सुधाकर खलखो ने हस्तशिल्प (Hastashilp) उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री, शबरी एंपोरियम तथा प्रदर्शनियों के माध्यम से अन्य शिल्प उत्पादों की बिक्री और विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी।     इस अवसर पर छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के महाप्रबंधक श्री शंकर लाल धुर्वे, प्रबंधक श्री जितेन्द्र सिंह उपस्थित थे।