दुर्ग जिले के अभियान में नवाचार भी शामिल, हर महीने हो रहा वजन त्योहार और बच्चों के बढ़त का रखा जा रहा रिकार्ड

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के प्रथम चरण में लगभग पांच हजार बच्चों को सामान्य श्रेणी में लाने में मिली थी सफलता

दुर्ग – मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कुपोषण से मुक्ति को प्रदेश के सबसे प्राथमिकता के कार्यों में रखा है। इसका व्यापक असर मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की सफलता में दिखा है। पहले चरण में दुर्ग जिले में ही 4800 बच्चे कुपोषण के दायरे से बाहर आये। अब शेष बच्चों को कुपोषण के दायरे से निकालने मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के द्वितीय चरण की शुरूआत हो रही है। अगले तीन सौ दिनों का लक्ष्य लेकर इस योजना में काम किया जाएगा। आज सभी जनप्रतिनिधियों ने घरों में बच्चों के लिए सुपोषण टोकरी देकर इस योजना की शुरूआत की। कलेक्टर डाॅक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे भी ग्राम अछोटी पहुंचे। वहां उन्होंने रूही देशमुख को सुपोषण की टोकरी भेंट किया। कलेक्टर ने इस मौके पर बच्चों के परिजनों से कहा कि बच्चे के शुरूआती पांच साल उसके आगे का भविष्य तय करते हैं। यदि इस दौरान बच्चे के पोषण का पूरा ध्यान रखा तो निश्चित ही बच्चा शारीरिक मानसिक रूप से मजबूत होगा जिससे उसका भविष्य उज्ज्वल होगा। इसी के अंतर्गत आपको सुपोषण टोकरी दी गई है। चूंकि अभी आंगनबाड़ी केंद्र बंद है इसलिए कार्यकर्ता आपके बच्चे के लिए घर में ही रेडी-टू-ईट छोड़ जाएगी। कलेक्टर ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने हम सभी को निर्देशित किया है कि कोई भी बच्चा कुपोषित न रहे। इसके लिए हम लोगों ने डीएमएफ मद से बच्चों के पोषण के लिए विशेष राशि रखी है। छह माह से तीन साल तक के बच्चों के लिए हम लोग विशेष रूप से गर्म आहार देंगे। ऐसे बच्चों की संख्या जिले में सात हजार है। अभी लाकडाउन है इसलिए सामग्री घर में ही पंहुचा दी जाएगी। कलेक्टर ने कहा कि आंगनबाड़ी की दीदी लोग आपसे गृह भेंट करने आते रहेंगे। आप उनके द्वारा दिये गए सुझावों पर अमल करें। इससे बच्चा बहुत तेजी से पोषित होगा। इस मौके पर कलेक्टर ने आंगनबाड़ी क्रमांक 3 भी देखा। वहां सुपोषण वाटिका देखकर उन्होंने खुशी जताई। यहां भाजियों और पपीते के साथ मुनगा के पौधे भी रोप दिये गए हैं। उन्होंने कार्यकर्ता की प्रशंसा करते हुए कहा कि आपका काम देखकर बहुत अच्छा लग रहा है। उन्होंने सरपंच श्री घनश्याम दिल्लीवार तथा जनपद सदस्य श्री टिकेश्वरी लाल देशमुख को भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों के सहयोग और रुचि से सुपोषण अभियान कारगर तरीके से आगे बढ़ रहा है। आपके हाथों में आपके गांव का उज्ज्वल भविष्य है। इस दिशा में आप जितना काम करेंगे, गांव का भविष्य उतना ही मजबूत होगा। इस मौके पर परियोजना अधिकारी श्री अजय साहू, सुपरवाइजर श्रीमती देवकी साहू, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दिनेश्वरी दिल्लीवार, आशालता दिल्लीवार तथा माया रामटेके भी उपस्थित रहे।

क्या है दुर्ग माडल में खास- जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री विपिन जैन ने बताया कि दुर्ग में सुपोषण अभियान में दो खास बातें हैं। पहला तो यह कि हम लोग हर महीने बच्चों के वजन ले रहे हैं। जो पंद्रह से 20 तारीख के बीच होता है। इनके आंकड़े एनआईसी की वेबसाइट में अपलोड हो जाते हैं। हमारे पास हर बच्चे के ग्रोथ का रिकार्ड है। इससे हमें सुपोषण मिशन को ट्रैक करने में आसानी होती है। कमजोर क्षेत्रों के लिए हम विशेष रणनीति बनाते हैं और अच्छा कार्य करने वालों को प्रोत्साहित करने में हमें इससे मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि बच्चों को चिक्की आदि बहुत प्रिय होते हैं। इससे उन्हें स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ भी मिलता है और हम उन्हें इसी बहाने आवश्यक प्रोटीन भी दे पाते हैं। श्री जैन ने कहा कि हमने सुपोषण वाटिका भी विकसित की है। पूरे जिले में बारह हजार मुनगा के पौधे भी लगाए गए हैं।

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