Self-help group women prepare a life-saving medical kit in lockdown
Self-help group women prepare a life-saving medical kit in lockdown

रायपुर – नोवेल कोरोना वायरस ( कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव हेतु लागू तालाबंदी (लाॅकडाउन) की विषम परिस्थिति मे भी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान से जुडे़ स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा जीवन रक्षक मेडिकल किट यथा मास्क, सेनेटाइजर, हैण्ड- ग्लब्स, साबुन आदि सामाग्री तैयार और वितरण कर कोरोना वायरस के संक्रमण से जन सामान्य को बचाने का सार्थक प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में मुंगेली जिले की 39 स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा अब तक 33 हजार 673 नग रियूजेबल काटन के कपडे़ के मास्क और दो स्व-सहायता समूह के 6 महिलाओं के द्वारा पांच सौ हाथ के ग्लब्स का निर्माण कर पुलिस विभाग एवं पुलिस पेट्रोलिंग टीम, कलेक्टोरेट, जिला पंचायत, जनपद पंचायत एवं नगर पालिका तथा नगर पंचायतों के अधिकारी-कर्मचारियों और जरूरतमंद लोगों को किफायती दर पर उपलब्ध कराया गया । जिसकी सराहना करते हुए आम लोगों द्वारा इसे नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव हेतु उपयोगी और सार्थक बताया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि 39 स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा प्रतिदिन 200-300 मास्क एवं दो स्व-सहायता समूह की 6 महिलाओं द्वारा प्रतिदिन 30-40 ग्लब्स का निर्माण किया जा रहा है। जो सुरक्षा की दृष्टिकोण से उपयोगी है।

प्रायः यह देखा गया है कि पीवीसी एवं फ्लेक्स बनाने वाले उत्पाद हर समय वेस्ट की तरह देखे जाते है। लेकिन राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान की स्व-सहायता समूह द्वारा प्रकृति को सुरक्षित रखने के लिए इस अनुपयोगी वस्तु से वाटरप्रूफ जूते का कवर बूट तैयार किया जा रहा है। जिसका उपयोग स्वच्छता कर्मचारियों के द्वारा वृहद रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है। इसी तरह उनके द्वारा पी.पी पालीथीन शूट का भी निर्माण किया गया है। जिसका उपयोग आपातकलीन स्थिति में सुरक्षा हेतु एम्बुलेस वाहन चालकों के द्वारा विशेष रूप से किया जा रहा है। इसी तरह दैनिक उपयोग मे आने वाले सामानो की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के अंतर्गत स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने स्वयं के द्वारा उत्पादित सामाग्री को रिटेल बाजार, सुपर मार्केट में रखा गया है। ताकि बडे़ कम्पनियों द्वारा उत्पादित सामाग्री का तुलनात्मक मूल्य (काॅॅम्पेटेटिव प्राईज) मे आ सके। लाॅकडाउन मे किसी को भी घर से बाहर निकलना नहीं होता, जिस कारण लोग बैंक एवं एटीएम तक नहीं पहुंच सकते, ऐसी स्थिति से निपटने हेतु स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने बैंक सखी/डीजी-पे के रूप में कार्य कर रही है। उन्होंने जिम्मेदारी लेकर सोशल डिस्टेसिंग एवं शासन के नियमों का पालन करते हुए। ग्रामीणों को अब तक 58 लाख 50 हजार 514 रूपये की राशि का वितरण किया। वैश्विक महामारी के इस संकट काल मे मुंगेली जिले की स्व-सहायता समूह की महिलाओं का यह काम सच मे प्रेरणा दायक है। साथ ही इस विपत्ति से आगे निकलने के लिए हमे प्रेरित करती है।