रायपुर/नई दिल्ली । आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करने वालों के लिए ई-अभियान शुरू हो गया है। आयकर विभाग का यह ई-अभियान 31 जुलाई तक चलेगा। इसमें उन लोगों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिन्होंने या तो रिटर्न दाखिल नहीं किया है, या उनके रिटर्न में विसंगतियां हैं। आयकर विभाग ने ऐसे लोगों की पहचान कर ली है, जिन्होंने इस वित्तीय वर्ष में अपने खातों से बड़ा लेन-देन किया है, लेकिन इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं किया या उनके इनकम टैक्स रिटर्न में खामिया हैं। ऐसे लोगों के लिए इनकम टैक्स विभाग ई-अभियान शुरू करना जा रहा है। यह अभियान 20 जुलाई, सोमवार से शुरू होकर 31 जुलाई तक चलेगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने यह जानकारी देते हुए बताया कि ई-अभियान योजना के तहत आयकर विभाग चिन्हित लोगों को ईमेल या एसएमएस भेजेगा, ताकि प्राप्त सूचना के अनुसार उनके लेनदेन का सत्यापन किया जा सके।
00 जानिए क्या है ई-अभियान योजना और क्या हैं इसके फायदे :
इस ई-अभियान का उद्देश्य करदाताओं को उनके कर/ वित्तीय लेनदेन जानकारी के सत्यापन की सुविधा उपलब्ध कराना और स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ावा देना है, जिससे उन्होंने नोटिस न मिले और जांच प्रक्रिया आदि से गुजरना न पड़े। करदाताओं के हित में यह अभियान चलाया जा रहा है। इस ई-अभियान के अंतर्गत आयकर विभाग चिह्नित करदाताओं को आई-टी विभाग को स्टेटमेंट ऑफ फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन, स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस), स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस), विदेश से आए धन (प्रपत्र 15सीसी) आदि विभिन्न स्रोतों से मिली वित्तीय लेनदेन से संबंधित जानकारियों को सत्यापित करने के लिए ईमेल/एसएमएस भेजेगा। विभाग ने डाटा एनालिटिक्स से मिली जानकारी के अंतर्गत जीएसटी, निर्यात, आयात और प्रतिभूति में लेनदेन, डेरिवेटिव्स, कमोडिटीज, म्युचुअल फंड आदि से संबंधित सूचनाओं का भी जुटाया है।
डाटा विश्लेषण से ज्यादा मूल्य के लेनदेन करने वाले चुनिंदा करदाताओं की पहचान की गई है, जिन्होंने वित्तीय वर्ष 2019-20 (वित्त वर्ष 2018-19 से संबंधित) के लिए रिटर्न फाइल नहीं किए हैं। रिटर्न नहीं भरने वालों के अलावा, ऐसे रिटर्न भरने वालों की पहचान भी की गई है जिनके आयकर रिटर्न में ऊंचे मूल्य के लेनदेन प्रदर्शित नहीं किए गए हैं।
00 ई-अभियान के अंतर्गत, करदाता निर्दिष्ट पोर्टल पर ऊंचे मूल्य के लेनदेन से संबंधित जानकारी देखने में सक्षम होंगे। वे इनमें से कोई विकल्प चुनकर ऑनलाइन प्रतिक्रिया भी दर्ज करा सकेंगे :
जानकारी सही है
जानकारी पूरी तरह सही नहीं है
जानकारी किसी अन्य व्यक्ति/ वर्ष से संबंधित है
जानकारी डुप्लिकेट है/ अन्य प्रदर्शित जानकारी में शामिल है
जानकारी अस्वीकृत है।
किसी भी प्रकार से आयकर कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि प्रतिक्रिया ऑनलाइन दे दी गई है। गौरतलब है कि असेसमेंट ईयर 2019-20 (वित्त वर्ष 2018-19 से संबंधित) के लिए आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तारीख संशोधित करके 31 जुलाई, 2020 कर दी गई है।

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