Chhattisgarh government completed 24 promises in two years, all promises will be completed in five years - Minister Smt.
दो वर्षों में प्रदेश के सभी वर्गो के विकास के लिए उठाए गए कदम
मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया ने बताई छत्तीसगढ़ सरकार की दो वर्ष की उपलब्धियां

रायपुर – महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री तथा कबीरधाम जिले की प्रभारी मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया ने मंगलवार को कवर्धा के सर्किट आउस में में प्रेस वार्ता लेकर छत्तीसगढ़ सरकार के दो वर्ष की उपलब्धियां बताई। श्रीमती अनिला भेंड़िया ने कहा कि प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़ राज्य का चहुमुखी विकास हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में हम गड़बो नवा छत्तीसगढ़ के संकल्प के साथ काम कर रहे है। इन दो वर्षों में हमने 24 बड़े-बड़े वायदे पूरे किए हैं। आने वाले वर्षों में सभी वायदे पूरे किए जाएंगे। इस अवसर पर पंडरिया विधायक श्रीमती ममता चन्द्राकर, कवर्धा नगर पालिका अध्यक्ष ऋषि शर्मा, बोड़ला नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सावित्री साहू, कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा भी उपस्थित थे।

श्रीमती भेंड़िया ने कहा कि प्रदेश की जनता से किए वायदे पर हमारी सरकार ने पहले दिन से ही अमल करना शुरू कर दिया है। शपथ ग्रहण के तत्काल बाद ही किसानों की कर्ज माफी और 2500 रूपए में धान खरीदी के निर्णय लिए गए। राज्य सरकार द्वारा पिछले दो वर्षों में गांव, गरीब, किसान, मजदूर, वनआश्रितों, महिलाओं, बच्चों, युवाओं सहित प्रदेश के सभी वर्गो के विकास के लिए कदम उठाए गए हैं। उन्होंने बताया कि सभी जिलों को उनकी विशेषता के अनुरूप विकास की नई दिशा दी जा रही है। उन्होने कहा कि राज्य सरकार ने धान से बायो एथेनॉल उत्पादन के क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है। नवीन औद्यौगिक नीति के तहत उच्च प्राथमिकता सूची में जैव ईधन  शामिल है। इस नीति के तहत कबीरधाम जिले के भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना में एथेनॉल उत्पादन आने वाले समय किया जा सकेगा। इससे कबीरधाम जिले के युवाओं के लिए एक नए रोजगार का द्वार खुलेगा। कबीरधाम जिले मे रोजगार सृजन के साथ-साथ पर्यटन विकास को विशेष जोर दिया जा रहा है।

श्रीमती भेंड़िया ने बताया कि प्रदेश के 18 लाख किसानों का करीब 9 हजार करोड़ रूपए अल्पकालीन कृषि ऋण माफ, जल कर के रूप में 17 लाख किसानों का 244 करोड़ रुपए बकाया माफ किया गया है।  बस्तर जिले में किसानों की 1764.61 हेक्टेयर अधिग्रहित भूमि वापस की गई है। किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने तथा फसल उत्पादकता में वृद्धि के उद्देश्य से प्रदेश में राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू की गई है इससे 19 लाख से अधिक किसानों को 5750 करोड़ रुपए की आदान सहायता चार किश्तों में प्रदान किया जा रहा है। किसानों को तीन किश्तों में 4500 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है अंतिम किश्त आगामी मार्च महीने में दी जाएगी। हमारी सरकार ने देश में अपने तरह की पहली अनूठी योजना-गोधन न्याय योजना शुरू की है, जिसके तहत 2 रुपए किलो की दर से गोठानों में गोबर की खरीदी की जा रही। इस योजना के माध्यम से जैविक खेती, पशुओं की देखभाल के साथ फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है। यह किसानों की अतिरिक्त आय का यह जरिया साबित हुई है। गोधन न्याय योजना के तहत अब 1.36 लाख गोबर विक्रेताओं को 59 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। राज्य सरकार ने गोठानों में निर्मित वर्मी कम्पोस्ट की न्यूनतम विक्रय दर को 8 रूपए से बढ़ाकर 10 रूपए कर दिया है।

प्रदेश के सभी छोटे-बड़े नालों को पुनर्जीवित करने एवं जल संरक्षण तथा भू-जल संवर्धन के लिए सभी जिलों में नरवा विकास कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत 1028 नालों का चयन कर संवर्धन की योजना बनाई गई है। देशव्यापी लॉकडाउन के बावजूद छत्तीसगढ़ के कृषि सहित सभी क्षेत्रों में आर्थिक तेजी रही। रिजर्व बैंक सहित अनेक राष्ट्रीय एजेंसियों ने इसे सराहा है। लाख की खेती के लिए किसानों को अब सहकारी समितियों से अन्य फसलों की तरह अल्पकालीन ऋण सुविधा दी गई है। कृषि पंप ऊर्जीकरण के लिए विद्युत लाइनों के विस्तार हेतु प्रति पंप एक लाख रुपए का अनुदान। दो वर्षों में 57 हजार से अधिकपंपों का ऊर्जीकरण किया गया है। 3 हार्स पावर तक कृषि पंपों में 6000 यूनिट प्रतिवर्ष एवं 03 से 05 हार्स पावर के कृषि पंपों में 7500 यूनिट प्रति वर्ष छूट का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा फ्लेट रेट में बिजली प्राप्त करने का भी विकल्प है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के किसानों के लिए विद्युत खपत की कोई सीमा नहीं पूरी बिजली निःशुल्क है। विद्युत पहुंच विहीन क्षेत्रों में दो वर्षों में 25000 से अधिक सोलर पंपों की स्थापना की गयी है। विभिन्न योजनाओं के लिए किसानों की भूमि के अधिग्रहण पर मुआवजा राशि 2 गुना से बढ़ाकर अब 4 गुना कर दिया गया है। 57 नवीन पशु औषधालयों की स्थापना की गई और 29 पशु औषधालयों, कृत्रिम गर्भाधान केंद्रों का पशु चिकित्सालयों में उन्नयन किया गया। इंद्रावती नदी पर 22 हजार 653 करोड़ रुपए की बोधघाट बहुदेशीय परियोजना का काम आगे बढ़ा है। बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर जिले में 03 लाख 66 हजार हेक्टेयर में नयी सिंचाई क्षमता निर्मित होगी। मनरेगा से इस वर्ष अब तक करीब 27 लाख परिवारों के करीब 51 लाख श्रमिकों को काम दिया गया। इसके तहत साढ़े दस करोड़ मानव दिवस रोजगार का सृजन कर 2305 करोड़ रूपए की मजदूरी का भुगतान किया गया। प्रदेश में इस साल 1.28 लाख परिवारों को 100 दिनों का रोजगार दिया गया है। वन अधिकार पट्टाधारी 21 हजार से अधिक परिवारों को भी 100 दिनों से अधिक का रोजगार दिया गया है। मनरेगा अभिसरण से धान उपार्जन केंद्रों में 6692 पक्के चबूतरों का निर्माण किया गया है। दो वर्ष पूरे होने पर 16 हजार 278 शिक्षाकर्मियों का संविलयन किया गया है। 14 हजार 580 नियमित शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया जारी है। इसके साथ ही श्रीमती भेंड़िया ने विभागवार दो वर्ष की उलब्धियां भी बर्ताइं।