Police officers who have been accused of crimes against women will not be tolerated - Shri Bhupesh Baghel
मुख्यमंत्री ने की गृह विभाग की समीक्षा
महिलाओं पर घटित अपराधों में वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2020 में आई कमी
वरिष्ठ नागरिकों की सहायता के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस शुरू करेगी ‘समर्पण अभियान‘
डायल 112 के जरिए लगभग 14 लाख जरूरतमंद नागरिकों तक पहुंचाई गई पुलिस और चिकित्सा सहायता

रायपुर – मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि महिलाओं के विरूद्ध घटित अपराधों के मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में गृह विभाग के समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि ऐसे अधिकारियों-कर्मचारियों पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए। बैठक में गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू भी उपस्थित थे। 

मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिए कि महिला अपराधों की रोकथाम के लिए राज्य स्तर पर सतत मॉनिटरिंग और समीक्षा की जाए। इसके लिए एसओपी बनाई जाए और पुलिस मुख्यालय सीधे महिलाओं के विरूद्ध गंभीर अपराधों की समीक्षा करे। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में इन अपराधों की रोकथाम के लिए विशेष जांच दल का गठन भी किया जाए। पुलिस महानिदेशक श्री डी.एम अवस्थी ने बैठक में बताया कि सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से महिलाओं के विरूद्ध अपराधों पर अंकुश रखने और ऐसे मामलों की तत्परता से जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में महिलाओं पर घटित कुल अपराधों में वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2020 में कमी आई है। 

 मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा वरिष्ठ नागरिकों की सहायता के लिए प्रारंभ किए जा रहे ‘समर्पण अभियान‘ के लिए बैठक में सहमति प्रदान की। पुलिस महानिदेशक श्री अवस्थी ने इस अभियान के संबंध में बताया कि ऐसे वरिष्ठ नागरिक जो अकेले रहते हैं, उन्हें इस अभियान से जोड़ा जाएगा। कम्युनिटी पुलिसिंग के माध्यम से ऐसे वरिष्ठ नागरिकों को कोरोना काल में महामारी से सुरक्षा हेतु आवश्यक सुविधाएं, उनकी समस्याओं के त्वरित निदान सहित उन्हें आवश्यक वस्तुएं और सेवाएं उपलब्ध कराने का कार्य किया जाएगा। इस अभियान से जोड़ने के लिए वरिष्ठ नागरिक थाने में आवेदन देकर या पुलिस मुख्यालय से जारी वाट्सएप नंबर तथा ई-मेल एड्रेस पर आवेदन देकर समर्पण सदस्यता प्राप्त कर सकेंगे। प्रथम चरण में यह अभियान रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर जिलों में शुरू किया जाएगा। 

समीक्षा के दौरान बताया गया कि एकीकृत इमरजेंसी रिस्पोन्स सिस्टम डायल 112 के तहत पुलिस सहायता, अग्नि शमन, मेडिकल इमरजेंसी, महिला सहायता, स्मार्ट सिटी सर्विलेंस की सुविधाएं 11 जिलों मंे दी जा रही हैं। इस सेवा के तहत लगभग दो साल में 53 लाख कॉल प्राप्त हुए। इनमें से साढ़े नौ लाख लोगों को पुलिस सहायता दी गई, लगभग साढ़े चार लाख लोगों को अपातकालीन चिकित्सा सेवा, आठ हजार लोगों को अग्नि शमन सेवा, दो लाख सड़क दुर्घटना के मामलों में सहायता उपलब्ध कराई गई। संकट में फंसे छह हजार बच्चों को बचाया गया। आत्महत्या के 14 हजार प्रयासों को रोका गया, 72 हजार महिलाओं को सहायता दी गई। शहरी क्षेत्रों में कॉल आने के औसतन 16 मिनट के अंदर और ग्रामीण क्षेत्रों मंे 28 मिनट के अंतर्गत जरूरतमंदों को सहायता उपलब्ध कराई गई। 

बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह श्री सुब्रत साहू, संचालक लोक अभियोजन श्री प्रदीप गुप्ता, रायपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक डॉ. आनंद छाबड़ा, उप पुलिस महानिरीक्षक श्री सुशील द्विवेदी, मुख्यमंत्री सचिवालय की उप सचिव सुश्री सौम्या चौरसिया सहित पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।