Self-help group women become corona fighter

रायपुर – कोविड-19 महामारी के दौरान लागू किए गए लॉकडाउन में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी जांजगीर-चांपा जिले की स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने कोरोना फाइटर की तरह काम करते हुए कॉटन के 92 हजार मास्क तैयार किए। जब बाजार में मास्क की किल्लत थी ऐसे समय दिन-रात काम करते हुए लोगों को यह डबल लेयर के मास्क कम कीमत पर मुहैया कराकर कोरोना वायरस से लड़ने अपनी भूमिका का निभाई है। ये मास्क कोरोना वायरस से बचाव, नियंत्रण के लिए कारगर सिद्ध हो रहे हैं।

जिले में 134 समूह की 213 महिलाओं ने लॉकडाउन के दौरान घर पर रहते हुए कॉटन के कपड़े का डबल लेयर मास्क की सिलाई करते हुए लगभग 92 हजार मास्क तैयार किए। विभिन्न रंगों में तैयार किए गए यह मास्क लोगों को बहुत पसंद आ रहे हैं। लोगों को कहना है कि कोरोना महामारी के बीच लॉकडाउन लागू होने के बाद मास्क की कमी हो गई थी। ऐसे में समूह के द्वारा बनाए गए यह मास्क गांव में ही आसानी से बहुत सस्ती दरों पर मिलने लगे। इसके अलावा सरकारी दफ्तरों, मनरेगा के मजदूरों, वन विभाग के कर्मचारियों के द्वारा भी इनका उपयोग किया जा रहा है।

लॉकडाउन में महिलाओं को मिल रही आर्थिक मदद

सक्ती जनपद पंचायत की कलस्टर नगरदा की स्व सहायता समूह की सदस्य शारदा सुमन, जागो बहना समूह की संतोषी चौहान, जेठा कलस्टर के समूह लक्ष्मी की मीना साहू का कहना है कि सिलाई का काम जानने के कारण मास्क बनाने का काम आसानी से कर सके हैं। इस कार्य से घर बैठे आमदनी हो रही है, जिससे परिवार का गुजर-बसर होने के साथ समाज सेवा भी हो रही है। उन्होंने बताया कि 10 रूपए में यह मास्क दिया जा रहा है, जिसे लोग आसानी से ले रहे है। निर्धन जरूरतमंदों को यह मास्क निःशुल्क भी दिया जा रहा है। यह मास्क फिर से धोकर प्रयोग किये जा सकते है।

मनरेगा मजदूरों को किया गया मास्क का वितरण

जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री तीर्थराज अग्रवाल ने बताया कि मास्क की अनिवार्यता को देखते हुए बिहान से जुड़ी समूह की महिलाओं को मास्क बनाने के लिए प्रेरित किया गया। वन विभाग के माध्यम से भी 20 हजार कॉटन के मास्क बनाने का एनआरएलएम शाखा को आर्डर प्राप्त हुआ है। इसके अलावा महात्मा गांधी नरेगा के तहत चल रहे कार्यों में भी मजदूरों को भी इन मास्क का वितरण किया गया है। समूह की महिलाओं को इससे आर्थिक मदद भी मिल रही है।

लगातार हो रही मास्क की आपूर्ति

सहायक परियोजना अधिकारी श्री आकाश सिंह ने बताया कि जिले में समूहों के माध्यम से लगातार कपड़े के मास्क बनाने का काम किया जा रहा है। जिले में 92 हजार मास्क में से पामगढ़ विकासखण्ड में 22 हजार 716, बलौदा में 4 हजार 812, नवागढ़ में 9 हजार 703, सक्ती में 11 हजार 598, मालखरौदा में 11 हजार 494, डभरा में 5 हजार 320, बम्हनीडीह में 13 हजार 125, जैजैपुर में 8 हजार 961, अकलतरा में 4 हजार 562 मास्क अब तक बनाए जा चुके हैं।